हरिद्वार

दरगाह पिरान कलियर : लंगर फंड में धांधली का मामला, दो कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी..

ये कैसा इंसाफ.? हल्की गलती पर सेवा समाप्त, और धांधली पर सिर्फ नोटिस..!

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पंच👊नामा
पिरान कलियर: साबिर पाक के सालाना उर्स/मेले के दौरान विश्वप्रसिद्ध दरगाह साबिर पाक, पिरान कलियर से लंगर फंड में भारी गड़बड़ी का मामला उजागर हुआ है। दरगाह की रसीद बुक और बैंक खाते में जमा राशि के बीच बड़ा अंतर सामने आने के बावजूद, प्रबंधन ने मामले को केवल कारण बताओ नोटिस तक सीमित रख दिया है। यह रवैया दरगाह प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।
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प्रश्न ये कि जब गड़बड़ी उजागर हो चुकी है, तो कड़ी कार्रवाई क्यों नहीं…?
दरगाह प्रबंधन की ओर से दो सेवकों – सलीम अहमद उर्फ बिल्ला और इस्लाम अहमद – को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है। लेकिन सवाल यह है कि जब हल्की-सी लापरवाही पर कर्मचारियों की सेवा समाप्त कर दी जाती है या सीधे पुलिस में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया जाता है, तो फिर इस गंभीर मामले में सिर्फ नोटिस देकर पल्ला क्यों झाड़ा जा रहा है.?
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धांधली का पूरा हिसाब……
दरगाह प्रबंधन द्वारा कराए गए मिलान में पाया गया कि 15 अगस्त 2025 से 29 अगस्त 2025 तक कुल ₹30,300 की धनराशि रसीद बुक में दर्ज की गई। लेकिन बैंक स्टेटमेंट चेक करने पर मात्र ₹18,800 ही जमा पाए गए। यानी ₹11,500 की धनराशि का कोई हिसाब नहीं मिला। नोटिस में खुद प्रबंधक ने माना है कि यह कार्य घोर लापरवाही और दरगाह की साख को ठेस पहुँचाने वाला है। बावजूद इसके, अब तक न तो संबंधित सेवकों की सेवा निलंबित की गई है और न ही पुलिस में तहरीर दी गई है।

क्या नोटिस देकर मामले को ठंडे बस्ते में डालने की तैयारी है..?
क्या दरगाह प्रबंधन धांधली करने वालों को संरक्षण दे रहा है..?
या फिर गड़बड़ी की रकम को नज़रअंदाज़ कर श्रद्धालुओं की आस्था से खिलवाड़ किया जा रहा है..? दरगाह का यह मामला न केवल पारदर्शिता पर सवाल उठाता है, बल्कि श्रद्धालुओं की गाढ़ी कमाई और विश्वास से भी जुड़ा है। लोग अब यह पूछने लगे हैं कि – “लापरवाही पर बर्खास्तगी और धांधली पर सिर्फ नोटिस… आखिर ये कैसा इंसाफ..?”

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