गांव में मदरसे के सालाना जलसे पर रोक लगाने की मांग, जिलाधिकारी से शिकायत..
देवबंदी-बरेलवी के बीच बताया जा रहा विवाद, ईद मिलादुन्नबी पर चादर जुलूस निकालने पर भी हुई थी तनातनी, अब दूसरे पक्ष ने संभाला मोर्चा..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: ईद मिलादुन्नबी पर चादर जुलूस रोकने पर शुरू हुए विवाद के चलते पथरी क्षेत्र के ग्राम गाड़ोवाली में 25 नवंबर को होने जा रहे मदरसे के जलसे पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं।

बरेलवी मसलक से जुड़े दो ग्रामीणों ने जलसे पर रोक लगाने की मांग करते हुए जिलाधिकारी से शिकायत की है। जिलाधिकारी ने पूरे मामले पर आवश्यक कार्रवाई के लिए पथरी थानाध्यक्ष को निर्देशित किया है।

विवाद के पीछे की वजह खंगालने पर पता चला है कि मदरसे से जुड़े पक्ष ने ईद मिलादुन्नबी पर चादर जुलूस निकालने में आपत्ति जताई थी। इसको लेकर दोनों पक्षों में तनातनी हुई थी और जुलूस नहीं निकल पाया था। अब मदरसे के जलसे की बारी आने पर दूसरा पक्ष सक्रिय हो गया और विवाद पैदा हो गया है।
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“सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का दिया हवाला…

जिलाधिकारी को लिखित शिकायत देते हुए गाड़ोवाली निवासी नवाब अली और इम्तियाजुल हसन ने बताया कि उनके गांव में मिलीजुली आबादी निवास करती है। आरोप लगाया कि गांव का एक व्यक्ति मदरसे के जलसे के नाम पर 25 नवंबर को एक बड़ा आयोजन करने जा रहा है।

जिसके लिए चंदे के नाम पर लोगों से अवैध रूप से धन की मांग की जा रही है। विरोध करने पर गाली-गलौच करते हुए मारपीट भी की जा रही है। आरोप लगाया की जलसे में रात 10 बजे के बाद डीजे लगाकर शोर शराबा किया जाएगा।

जबकि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि सार्वजनिक रूप से रात 10 बजे के बाद कोई शोर शराबा नहीं होना चाहिए। अंदेशा जाता है कि आयोजन से गांव की शांति व्यवस्था प्रभावित होने की पूरी आशंका है।

दोनों ग्रामीणों ने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई और आयोजन पर रोक लगाने की मांग की है। जिलाधिकारी ने इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई के लिए पथरी थानाध्यक्ष को निर्देश दिए हैं।