पंच👊नामा-ब्यूरो
देहरादून: पटेलनगर इलाके से गुमशुदा हुए बुजुर्ग की निर्मम हत्या और शव को टुकड़ों में काटकर नहर में फेंकने के सनसनीखेज मामले का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है। पुलिस कप्तान अजय सिंह में प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि इस खौफनाक अपराध को अंजाम देने वाले इनामी दंपत्ति हिमांशु चौधरी और उसकी पत्नी गीता को पुलिस ने अमृतसर से गिरफ्तार कर लिया है। इस वारदात में शामिल दो आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
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मासूमियत के पीछे छिपा खौफनाक सच….!यह मामला जितना सीधा लग रहा था, असल में उतना ही साजिशों से भरा था। बुजुर्ग श्याम लाल (पटेलनगर निवासी) अचानक गायब हो गए थे। उनकी बेटी निधि राठौर ने 7 फरवरी को पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
जांच में पुलिस ने जब सीसीटीवी फुटेज खंगाले, तो आखिरी बार उन्हें किशन नगर चौक के पास जाते देखा गया था, लेकिन लौटते हुए कोई फुटेज नहीं मिली। यहीं से पुलिस को शक हुआ, और जब संदिग्ध महिला गीता के घर की पड़ताल की गई, तो वह और उसका पति हिमांशु फरार मिले। बस फिर क्या था, पुलिस ने अपनी जांच तेज कर दी।
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ब्लैकमेलिंग से हत्या तक – एक घिनौनी साजिश….पूछताछ में जो कहानी सामने आई, वह किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं थी! गीता और श्याम लाल के पिछले 12 सालों से अवैध संबंध थे। गीता ने अपने पहले पति को छोड़ दिया था और 2024 में हिमांशु से शादी कर ली थी। लेकिन नई शादी के बाद उनके सामने आर्थिक तंगी आ गई।
इसी के चलते उन्होंने बुजुर्ग श्याम लाल को ब्लैकमेल करने की खतरनाक साजिश रची। हिमांशु एमबीबीएस कर रहा था, लेकिन बार-बार ड्रॉपआउट होने से उसके पढ़ाई पर बहुत खर्च हो गया था। पैसे जुटाने के लिए दोनों ने मिलकर श्याम लाल की अश्लील वीडियो बनाने और उसे ब्लैकमेल कर पैसे ऐंठने का प्लान बनाया।
इसके लिए उन्होंने किशन नगर एक्सटेंशन में किराए पर एक अलग कमरा लिया। 2 फरवरी 2025 को गीता ने श्याम लाल को वहां बुलाया, जबकि हिमांशु छिपकर वीडियो बनाने की फिराक में था। लेकिन जैसे ही श्याम लाल को साजिश की भनक लगी, उन्होंने विरोध किया। इस पर हिमांशु और गीता ने मिलकर उनकी बेरहमी से हत्या कर दी।
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शव के किए कई टुकड़े, फिर फेंका नहर में…!हत्या के बाद वे शव को ठिकाने लगाने की योजना बनाने लगे। हिमांशु, जो मेडिकल की पढ़ाई कर चुका था, जानता था कि कुछ दिनों बाद शरीर से खून निकलना बंद हो जाएगा, जिससे उसे काटना आसान होगा। 4 फरवरी को गीता ने अपने भाई अजय और बहनोई धनराज चावला को बुलाया।
हिमांशु ने शव को टुकड़ों में काटकर रस्सी से बांधा और प्लास्टिक की थैलियों में भरकर एक वाहन से देवबंद ले गए। फिर उन्होंने साखन की नहर में शव के टुकड़े फेंक दिए।
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पुलिस को गुमराह करने की नाकाम कोशिश…!हत्या के बाद गीता और हिमांशु फरार हो गए। श्याम लाल की बाइक को उन्होंने देहरादून के आईएसबीटी के पास खड़ा कर दिया और उसकी नंबर प्लेट तोड़कर कबाड़ में फेंक दी, ताकि पुलिस भटक जाए। इसके बाद वे लगातार शहर दर शहर छिपते रहे—पहले मुंबई, फिर जयपुर, प्रयागराज, कुरुक्षेत्र और आखिर में अमृतसर।
लेकिन पुलिस ने हार नहीं मानी! सर्विलांस और खुफिया जानकारी के जरिए आखिरकार अमृतसर से उन्हें धर दबोचा गया।
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पहले ही गिरफ्तार हो चुके थे दो आरोपी…इस हत्या की साजिश में पहले ही दो आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके थे—गीता का भाई अजय और बहनोई धनराज। पुलिस ने उनसे सख्ती से पूछताछ की, जिससे पूरी साजिश का खुलासा हुआ।
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गिरफ्तार आरोपी….1:- हिमांशु चौधरी (निवासी: नई बस्ती, सुनहरा रोड, रुड़की, हरिद्वार)
2:- गीता चौधरी (निवासी: नई बस्ती, रुड़की; मायका – देवबंद, सहारनपुर)
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पुलिस टीम की मेहनत लाई रंग….इस हाई-प्रोफाइल केस को सुलझाने में देहरादून पुलिस और एसओजी टीम ने दिन-रात मेहनत की। राजस्थान, दिल्ली, मुंबई, जयपुर समेत कई राज्यों में दबिश दी गई, जिसके बाद अंततः यह खतरनाक जोड़ी अमृतसर में दबोच ली गई।
पुलिस टीम में पटेलनगर थाना प्रभारी प्रदीप सिंह राणा, निरी0 योगेश दत्त, चौकी प्रभारी आईएसबीटी देवेश खुगशाल, उपनिरीक्षक दीनदयाल, अ0उपनिरीक्षक विजय प्रताप, कांस्टेबल अरशद, विकास कुमार, हेमन्ती नन्दन व एसओजी टीम से प्रभारी एसओजी नगर विनोद गुसांई, उपनिरीक्षक विनोद राणा, उपनिरीक्षक कुन्दन राम, हेडकांस्टेबल किरण कुमार, कांस्टेबल ललित कुमार, पंकज कुमार, नरेन्द्र, लोकेन्द्र, अमित, आशिष शर्मा, विपिन व महिला कांस्टेबल मोनिका शामिल रही।
