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पंच👊नामा ब्यूरो
सुल्तान, हरिद्वार: पुलिसकर्मियों के तबादलों में इस बार भी “खेल शुरू हो गया है। जिलों से डीआईजी रेंज को भेजी जाने वाली पुलिसकर्मियों की सूची से एक बार फिर बड़े धुरंधर बाहर हैं। सूत्र बताते हैं कि ऐसे तमाम पुलिसकर्मी सूची से बच निकले हैं, जिन्होंने आज तक देहरादून और हरिद्वार के अलावा तीसरा जिला नहीं देखा है। जबकि आम पुलिसकर्मी फिर से तबादले की जद में हैं। इसको लेकर पुलिसकर्मियों में तरह-तरह की चर्चाएं बनी हुई है। देखना यह होगा कि आला अधिकारी स्थानांतरण नीति का पालन कराने में कामयाब हो पाते हैं या नहीं।
पिछले दिनों डीआईजी रेंज करण सिंह नगन्याल की ओर से गढ़वाल के सभी जिलों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को पत्र भेजकर ऐसे पुलिस कर्मियों की सूची मांगी गई थी, जो तबादला नीति के तहत 31 मार्च 2022 को जिलों में निर्धारित समय पूरा कर चुके हैं। लिपिक, कांस्टेबल और हैड कांस्टेबल से लेकर उप निरीक्षक और निरीक्षक तक के नाम मांगे गए हैं। साथ ही पर्वतीय जनपदों में नियुक्त ऐसे पुलिसकर्मी, जो तय समयावधि पूरी करने के बावजूद सुरक्षा से पर्वतीय जनपद में नियुक्त रहना चाहते हैं, उनसे इस संबंध में प्रार्थना पत्र मांगने के लिए भी कहा गया है। जबकि अन्य पुलिसकर्मियों से तीन विकल्प देने के लिए कहा गया है। इनमें एक विकल्प पर्वतीय जनपद का होना अनिवार्य किया गया है। डीआईजी के आदेश पर जिलों में पुलिसकर्मियों की सूची बनाने का कार्य जोरों पर है। लेकिन इसी के साथ ही जोड़-तोड़ में माहिर पुलिसकर्मियों ने अपना काम शुरू कर दिया और सूची में ही खेल कर डाला है। सूत्र बता रहे हैं कि कई जिलों में “जुगाड़ी, कृपा पात्र और धुरंधर पुलिसकर्मी इस बार भी तबादलों से बच निकलने के लिए जुगत लगाने में कामयाब रहे हैं। इन पुलिसकर्मियों का नाम डीआईजी कार्यालय को भेजी जाने वाली सूची से नदारद हैं। जबकि आला अधिकारी सीना ठोक कर तबादला नीति में पारदर्शिता का दावा कर रहे हैं। दूसरी तरफ पुलिसकर्मियों में सुगबुगाहट है कि क्या सारे नियम कायदे आम पुलिसकर्मियों के लिए ही बने हैं। कुल मिलाकर सूची में “खेल पूरे महकमे में चर्चा का विषय बना हुआ है।