
पंच👊नामा-ब्यूरो
देहरादून: ऑपरेशन कालनेमि के तहत दून पुलिस ने फेसबुक पर शुरू हुई दोस्ती से जन्मे एक बड़े फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ किया है। त्यूनी निवासी एक महिला और बांग्लादेशी युवक को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
महिला ने अपने पूर्व पति के नाम का इस्तेमाल कर बांग्लादेशी प्रेमी के लिए आधार, पैन सहित तमाम फर्जी पहचान पत्र तैयार करवाए थे। इन्हीं दस्तावेजों की मदद से आरोपी देहरादून के एक क्लब में बाउंसर की नौकरी भी कर रहा था। देहरादून के पुलिस कप्तान अजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस पूरे मामले से पर्दा उठाया।
फेसबुक पर दोस्ती, प्यार और अवैध रास्ते से हुआ निकाह
पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार युवक का असली नाम ममून हसन है, जो बांग्लादेश के मेहरपुर जिले का निवासी है। उसकी पहचान देहरादून की रीना चौहान से फेसबुक पर हुई। चैटिंग बढ़ी तो वर्ष 2019 में ममून पहली बार टूरिस्ट वीजा पर भारत आया और रीना से मिला।
दोनों करीब आए और साथ रहने लगे। 2020 और 2021 में भी वह वीजा पर भारत आता रहा। कोरोना अवधि में वीजा खत्म होने के बाद ममून रीना को अवैध रूप से सीमा पार कराकर बांग्लादेश ले गया, जहां दोनों ने निकाह किया। कुछ समय बाद दोनों फिर अवैध तरीके से भारत लौट आए और देहरादून में किराये के मकानों में पति-पत्नी की तरह रहने लगे।
————————————–
पति के आधार कार्ड में चढ़वाया नाम, बनवा दिए सारे फर्जी दस्तावेज….
रीना चौहान पहले से शादीशुदा थी और उसका विवाह त्यूनी निवासी सचिन चौहान से हुआ था। सचिन से अलग रहने के दौरान रीना फेसबुक पर बने रिश्ते को आगे बढ़ाना चाहती थी। इसके लिए उसने अपने कुछ परिचितों की मदद से पूर्व पति सचिन चौहान के नाम पर ममून के फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड, और अन्य पहचान पत्र तैयार करवाए। इन्हीं दस्तावेजों के सहारे ममून हसन देहरादून में सचिन चौहान बनकर क्लब में बाउंसर की नौकरी कर रहा था।
————————————–
पुलिस ने किया खुलासा…..
नेहरू कॉलोनी पुलिस और एलआईयू को सूचना मिली कि एक महिला एक विदेशी नागरिक को फर्जी पहचान के सहारे छिपाकर रख रही है। पूछताछ में दोनों ने पूरा सच उगल दिया। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर धारा 420, 467, 468, 471, 120बी, पासपोर्ट अधिनियम व विदेशी अधिनियम में मुकदमा दर्ज किया है। फर्जी दस्तावेज बनाने में शामिल अन्य लोग भी पुलिस की निगरानी में हैं।
————————————–
एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि ऑपरेशन कालनेमि में लगातार कार्रवाई की जा रही है। अभी तक जनपद में अवैध रूप से रह रहे 16 बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान, 9 को डिपोर्ट और 7 को जेल भेजा जा चुका है।



