मां की ममता शर्मसार, मां काली की कृपा से बची नवजात की जान: रेलवे ट्रैक किनारे प्लास्टिक में लिपटा मिला मासूम, खाकी बनी फरिश्ता..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: कुंभ नगरी हरिद्वार से एक दिल को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है। जहां एक नवजात शिशु को उसकी जन्म देने वाली मां ने रेलवे ट्रैक के किनारे मौत के मुंह में छोड़ दिया। लेकिन कहते हैं न कि जब इंसान साथ छोड़ दे, तब ईश्वर अपने किसी दूत को भेजता है। कुछ ऐसा ही हुआ भीमगोडा स्थित प्राचीन काली मंदिर के पास, जहां मां काली की कृपा और खाकी की तत्परता से मासूम की जान बचाई जा सकी।घटना उस समय सामने आई जब मंदिर में दर्शन करने पहुंचे एक श्रद्धालु की नजर रेलवे ट्रैक के पास पड़ी प्लास्टिक की पन्नी में लिपटे एक नवजात शिशु पर पड़ी। मासूम की करुण पुकार सुन श्रद्धालु हक्के-बक्के रह गए और उन्होंने बिना देरी किए शिशु को उठाकर सीने से लगा लिया। तुरंत ही स्थानीय पुलिस को सूचना दी गई।
हर की पैड़ी चौकी प्रभारी संजीत कंडारी मौके पर पहुंचे और स्थिति की गंभीरता को देखते हुए ई-रिक्शा से नवजात को महिला अस्पताल पहुंचाया गया। फिलहाल शिशु का इलाज महिला अस्पताल में चल रहा है और उसकी स्थिति खतरे से बाहर बताई जा रही है।
स्थानीय लोग इसे मां काली का चमत्कार मान रहे हैं। उनका कहना है कि एक मां ने अपने लाल को मरने के लिए छोड़ दिया, लेकिन मां काली ने उसकी जान बचा ली। यह भी हैरानी की बात है कि अब तक बेटियों को त्यागने की घटनाएं सामने आती थीं, लेकिन इस बार एक बेटे को भी जीवन से वंचित करने की कोशिश की गई।
इधर, महिला अस्पताल में दूर-दराज से निःसंतान दंपती शिशु को गोद लेने की इच्छा लेकर पहुंच रहे हैं। मासूम की सुंदरता और मासूमियत को देखकर वे भावुक हो उठते हैं। हालांकि अस्पताल प्रशासन उन्हें गोद लेने की कानूनी प्रक्रिया और बाल संरक्षण समिति की भूमिका के बारे में स्पष्ट जानकारी दे रहा है।
हर की पैड़ी चौकी प्रभारी ने बताया कि मामले की रिपोर्ट बाल संरक्षण समिति को भेज दी गई है, जो अब आगे की कार्रवाई करेगी। वहीं, लोगों के मन में बार-बार यही सवाल उठ रहा है कि आखिर एक मां को क्या मजबूरी थी जो उसने अपने नवजात को इस तरह जीवन-मृत्यु के बीच छोड़ दिया..?