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नाक का बाल बनी “हरिद्वार ग्रामीण, रुड़की व ज्वालापुर में चकराया सिर..

कांग्रेस के लिए सिरदर्द बना सबसे ज्यादा सीटों वाला हरिद्वार जिला,, लक्सर, खानपुर और झबरेड़ा में भी फूंक-फूंक कर कदम रखने की तैयारी..

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पंच 👊 नामा
सुल्तान, हरिद्वार:- थका देने वाले इंतजार और पार्टी नेताओं की फजीहत कराने के बाद कांग्रेस हाईकमान ने भले ही प्रदेश की 53 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हों, लेकिन सबसे ज्यादा सीटों वाला हरिद्वार जिला अभी भी कांग्रेस के लिए सिरदर्द बना हुआ है। खास तौर पर हरिद्वार ग्रामीण सीट कांग्रेस के छत्रपों के लिए नाक का बाल बनी हुई है। रुड़की और ज्वालापुर सीट पर दिग्गजों की पेशबंदी से हाईकमान का सिर चकराया हुआ है। लक्सर, खानपुर और झबरेड़ा सीट पर भी पार्टी फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि जिन सीटों पर बगावत का खतरा है, उनपर अभी और माथापच्ची चल रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह गुट की जोर आजमाइश के चलते कांग्रेस टिकट घोषित करने के मामले में फिसड्डी साबित हुई। तीन सीटिंग विधायकों को छोड़कर हरिद्वार जिले की आठों सीटों पर हरीश रावत और प्रीतम गुट के बीच जबरदस्त द्वंद चला आ रहा है। यही वजह है कि सहमति बनाने के चक्कर में टिकट की सूची जारी करने में देरी होती रही। यहां तक कि कांग्रेस की सूची एक मजाक बनकर रह गई। हद से ज़्यादा फजीहत होने पर आखिरकार शनिवार देर रात हाईकमान ने पहली सूची जारी करने की हिम्मत दिखाई। लेकिन हरिद्वार जिले की विधानसभाओं पर गौर करें तो असली रार जस की तस बनी हुई है।
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सिर्फ तीनों विधायक मौज में…………..
सीटिंग विधायक फुरकान अहमद, काजी निजामुद्दीन और ममता राकेश के अलावा हाईकमान ने सिर्फ हरिद्वार से सतपाल ब्रह्मचारी और रानीपुर सीट से राजवीर सिंह चौहान का ही टिकट जारी किया है। हरिद्वार सीट से सतपाल ब्रह्मचारी का टिकट तय माना जा रहा था। लेकिन पिछले कई दिनों से रानीपुर सीट से संजय पालीवाल के नाम की चर्चाएं जोरों पर थी। मगर राजवीर सिंह चौहान ने अचानक टिकट हासिल कर सबको चौंका दिया है। हरिद्वार ग्रामीण, रुड़की, ज्वालापुर, लक्सर, खानपुर व झबरेड़ा सीट पर अभी भी सहमति नहीं बन पाई है।
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अनुपमा के टिकट पर लहरी नाम का “ग्रहण……..
हरिद्वार ग्रामीण सीट पर प्रीतम सिंह ने ऐनवक्त पर लहरी का नाम आगे बढ़ा कर अनुपमा के टिकट पर ग्रहण बैठा दिया। हालांकि लहरी व उनके समर्थकों के लिए ज्यादा खुश होने की जरूरत नहीं है। अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि प्रीतम ने सिर्फ अनुपमा को डाउन करने के लिए लहरी के नाम को हथियार बनाया है।
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ज्वालापुर में बृजरानी ने बिगाड़ा खेल……….
ज्वालापुर सीट पर एक दिन पहले बृजरानी की एंट्री ने सारे दावेदारों के पत्ते साफ कर दिए हैं। लेकिन कई दावेदारों की पैरवी इतनी मजबूत है कि प्रत्याशी का नाम तय करने में हाईकमान के पसीने छूट रहे हैं।
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प्रीतम गुट को मिलेगी रुड़की सीट……….
रुड़की में हरीश रावत और प्रीतम गुट के बीच शह और मात का खेल जारी है। यहां प्रीतम सिंह पूर्व मेयर यशपाल राणा के लिए अड़े हुए हैं। रानीपुर सीट से हरीश रावत गुट के राजबीर चौहान को टिकट होने के चलते यह माना जा रहा है कि रुड़की सीट पर अब प्रीतम गुट की ही चलेगी। लक्सर सीट पर हाजी तस्लीम के अलावा राजेश रस्तोगी और साहब सिंह के नाम पर हाईकमान 50-50 की भूमिका में है। झबरेड़ा में अपना बनाम पराया के बीच रस्साकशी जारी है। कांग्रेसी यहां एक बसपा के पूर्व विधायक को भी टिकट दे सकती है। जबकि कार्यकर्ता चाहते हैं कि अपने बीच के ही किसी दावेदार को प्रत्याशी बनाया जाए।
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हरीश भी अपने, प्रीतम भी प्यारे…..…
चूंकि प्रदेश में सरकार बनाने के लिए एक-एक सीट की दरकार है। इसलिए कांग्रेस हाईकमान एक-एक सीट पर बहुत सोच संभल कर नाम तय कर रहा है। चुनाव में हरीश रावत और प्रीतम गुट दोनों ही फैक्टर जीत दिलाने में कारगर बनेंगे। इसलिए हाईकमान किसी भी गुट को नाराज नहीं करना चाहता है। उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले 2 दिन में बाकी सीटों पर भी सहमति बनाकर अगली सूची जारी कर दी जाएगी।

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