शिक्षाहरिद्वार

अब सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी भी मना रहे जन्मदिन का जश्न, केक-चॉकलेट और गिफ्ट से ज़िंदगी में घुल रही खुशियों की मिठास..

पैनासोनिक लाइफ सॉल्यूशन और "अभिप्रेरणा फाउंडेशन की मानवीय पहल, इस साल मनाए दो हजार बर्थडे, पूरी कहानी, बच्चों के "बर्थडे वाले अंकल" डॉ दीपेश की ज़ुबानी..

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पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: “घर से मस्जिद है बहुत दूर, चलो यूं कर लें, किसी रोते हुए बच्चे को हँसाया जाये…“मशहूर शायर निदा फ़ाज़ली की इन लाइनों को डॉ दीपेश चंद्र प्रसाद “पैनासोनिक लाइफ सॉल्यूशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और “अभिप्रेरणा फाउंडेशन के सयुंक्त तत्वावधान में साकार कर रहे हैं। मध्यम और संपन्न परिवारों में बच्चों के जन्मदिन पर जश्न मनाया जाता है। लेकिन सरकारी प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने वाले निर्धन व मजदूर परिवारों के बच्चों के लिए बर्थडे सेलिब्रेट करना किसी सपने से कम नहीं होता। डॉ दीपेश ऐसे बच्चों के जीवन में जन्मदिन की खुशियां लाकर उनके चेहरों पर मुस्कान बिखेरने का नेक काम कर रहे हैं। साफ शब्दों में कहें तो पैनासोनिक लाइफ सॉल्यूशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और “अभिप्रेरणा फाउंडेशन मिलकर ज़रूरतमंद बच्चों के जीवन में शिक्षा का उजाला तो भर ही रहे हैं, उनमें आत्मविश्वास का भाव भी बखूबी जगा रहे हैं।
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बर्थडे वाले अंकल के रूप में बनी पहचान…..

विद्यालय अंगीकरण योजना के तहत गोद लिए गए हरिद्वार के सात सरकारी प्राइमरी स्कूलों में पैनासोनिक लाइफ सॉल्यूशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और अभिप्रेरणा फाउंडेशन ने मिलकर आधुनिक शिक्षा का बीड़ा उठाया हुआ है। इन स्कूलों में हर महीने न सिर्फ जन्मदिन मनाया जाता हैं, बल्कि केक काटने से लेकर बच्चों को गिफ्ट के रूप में खुशियां देने का इंतजाम भी किया जाता है। इस साल सात स्कूलों में दो हजार से ज्यादा विद्यार्थियों का जन्मदिन धूमधाम के साथ मनाया गया। अभिप्रेरणा फांडेशन के सचिव डा. दीपेश चंद्र प्रसाद हर महीने नियमित रूप से केक और गिफ्ट लेकर स्कूल पहुंचते हैं। यही वजह है कि बच्चों में उनकी पहचान बर्थडे वाले अंकल के रूप में होती है।
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बच्चों के चेहरों पर बिखरती है मुस्कान…..
डॉ दीपेश चंद्र प्रसाद ने बताया कि गोद लिए गए सरकारी स्कूलों में जन्मदिन का आयोजन साल 2022 से लगातार करते आ रहे हैं। हर स्कूल में महीने का एक दिन जन्मदिवस उत्सव के रूप में रखा जाता है। उस महीने स्कूल के जितने भी बच्चोें का जन्मदिन होता है, उन सभी का बर्थडे सेलिब्रेट किया जाता है। स्कूल को गुब्बारों से सजाते हुए जन्मदिन की संख्या के हिसाब से केक तैयार कराया जाता है। केक कटवाने के बाद उन बच्चों को गिफ्ट दिया जाता है। बाकी बच्चों को टॉफी-चॉकलेट बांटते हैं। साथ ही बच्चों को पाठ्य सामग्री भी गिफ्ट में दी जाती है। बच्चे खुशी में डांस भी करते हैं। बर्थडे कार्यक्रम का बच्चों को पहले से इंतजार रहता है। डॉक्टर दीपेश के इस मिशन को उनकी पत्नी व संस्था की कोऑर्डिनेटर पिंकी प्रसाद और पूरी टीम पूरी तन्मयता और निष्ठा भाव से करते हैं। कार्यक्रम में बच्चों के चेहरों पर जो खुशी खिलती है, वह देखने लायक होती है।
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डॉ दीपेश का मानना है कि शिक्षा के साथ-साथ रचनात्मक गतिविधियों से बच्चों का विकास होता है। बर्थडे सेलिब्रेट होने से उनमें आत्मविश्वास पैदा होता है। साथ में केक, चॉकलेट, मिठाई खाने से आपस में शेयर करने की भावना भी उत्पन्न होती है। साथ ही बच्चों का मनाेरंजन भी होता है।

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