“पिरान कलियर: आरोपों की तपिश के बीच प्रबंधक रजिया बेग ने दिया इस्तीफ़ा, डीएम ने किया कार्यमुक्त.!
आरटीआई और वक्फ बोर्ड जांच में कई आरोप सिद्ध; इस्तीफ़े के बाद अब कार्रवाई का इंतेज़ार..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: पिरान कलियर की वक्फ दरगाहों को लेकर उठ रहा विवाद अब निर्णायक मोड़ पर पहुँच गया है। लगातार बढ़ रही शिकायतों, वित्तीय अनियमितताओं और जांच रिपोर्टों में खुलासों के बीच दरगाह प्रबंधक रजिया बेग ने अपना इस्तीफ़ा दे दिया, जिसे जिलाधिकारी हरिद्वार मयूर दीक्षित ने औपचारिक रूप से स्वीकार करते हुए उन्हें प्रबंधक पद से तत्काल प्रभाव से कार्यमुक्त कर दिया है।
लगातार विवादों के बीच इस्तीफ़ा….
दरगाह प्रबंधन का प्रभार एक सरकारी विद्यालय की अध्यापिका रजिया बेग के पास था। लेकिन उनके कार्यकाल में गंभीर आरोप उभरे— जिनमे एक पीआरडी जवान को निजी वाहन का ड्राइवर बनाकर रखने, निजी वाहन में दरगाह कोष से पेट्रोल भरवाने, बिना अनुमोदन ठेके जारी करने, वक्फ के वित्तीय खातों में नियम विरुद्ध हस्तक्षेप करने जैसे आरोपों की पुष्टि आरटीआई दस्तावेज़ों और उत्तराखंड वक्फ बोर्ड की विशेष जांच रिपोर्ट में भी हो चुके है, जिसमें वित्तीय अनियमितताओं व कार्यशैली में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी दर्ज की गई थी।
कारण बताओ नोटिस के बाद बढ़ा दबाव….
बीते 7 नवंबर को जिलाधिकारी ने रजिया बेग को एक सप्ताह के भीतर जवाब देने के निर्देश के साथ कारण बताओ नोटिस जारी किया था और उनके सभी वित्तीय व प्रशासनिक अधिकार भी सीज कर दिए थे। लेकिन निर्धारित समयसीमा बीतने के बाद भी उनकी ओर से कोई जवाब नहीं आया था। प्रशासनिक दबाव, बढ़ते आरोप और जांच रिपोर्टों की कड़ी टिप्पणियों के बीच अंततः रजिया बेग ने इस्तीफ़ा सौंप दिया, जिसे डीएम ने आज स्वीकार कर लिया।
आरोप सिद्ध… अब कार्रवाई पर सवाल…..
रजिया बेग पर प्रबंधक रहते हुए गंभीर आरोप लगाए गए थे, जिनमें कई आरोपों की पुष्टि आरटीआई दस्तावेज़ों और वक्फ बोर्ड की विशेष जांच रिपोर्ट में हो चुकी है। रिपोर्ट में वित्तीय अनियमितताओं, बिना अनुमोदन ठेके जारी करने, और दरगाह कोष के दुरुपयोग जैसी गड़बड़ियां दर्ज हैं। लेकिन अब जबकि रजिया बेग ने प्रबंधक पद से इस्तीफ़ा दे दिया है, ऐसे में उजागर हुई गड़बड़ियों पर आगे की कार्रवाई और अन्य मामलों की जांच को लेकर सवाल उठ रहे हैं— क्या इन अनियमितताओं पर प्रशासन ठोस कदम उठाएगा या इस्तीफ़ा देकर मामला यहीं समाप्त मान लिया जाएगा?
अब आगे क्या?
रजिया बेग के पदमुक्त होने के बाद दरगाह प्रबंधन में जल्द नई नियुक्ति या अंतरिम व्यवस्था तय होने की संभावना है। प्रशासनिक हलकों में माना जा रहा है कि अब पिछले कई वर्षों से लंबित सुधारों को लागू करने का मार्ग साफ़ हो गया है।



