“पहाड़-मैदान बयानबाजी पर सियासत गरम, भैरव सेना संगठन ने विधायक विनोद चमोली का पुतला फूंका, मोहम्मद शहजाद की सराहना..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: पर्वतीय और मैदानी क्षेत्रों के बीच पहचान की राजनीति पर तापमान चढ़ गया है। ज्वालापुर में गुरुवार को देवभूमि भैरव सेना संगठन ने भाजपा विधायक विनोद चमोली का पुतला दहन कर मैदानी लोगों को ‘मूल निवासी न मानने’ जैसी टिप्पणियों का तीखा विरोध जताया। संगठन ने चेताया कि हरिद्वार को बाहरी बताने की कोशिशें बर्दाश्त नहीं होंगी।
“केवल शहजाद ने बोली हरिद्वार की बात...
संगठन के संयोजक चरणजीत पाहवा ने कहा कि सदन में मैदानी लोगों पर आपत्तिजनक टिप्पणी हुई, तो हरिद्वार के अधिकांश जनप्रतिनिधि खामोश रहे। “लक्सर विधायक मोहम्मद शहजाद ही एकमात्र नेता थे, जिन्होंने तत्काल विरोध दर्ज कराते हुए हरिद्वार का पक्ष मजबूती से रखा। हम उनका आभार व्यक्त करते हैं,” —उन्होंने कहा कि जनता अपने प्रतिनिधियों को केवल मौन दर्शक बनने के लिए नहीं चुनती, बल्कि उनकी बात रखने के लिए चुनती है। “नेता जो चुप रहे, उन्हें जनता जवाब देगी।”
हरिद्वार की भूमिका पर बड़ा दावा….
भैरव सेना ने कहा कि हरिद्वार धार्मिक नगरी होने के साथ-साथ प्रदेश की आर्थिक रीढ़ है। “उद्योग, कुंभ, तीर्थाटन और पर्यटन से 80 प्रतिशत से ज्यादा कमाई हरिद्वार देता है। उसके बावजूद मैदानी क्षेत्रों को कमतर बताना और मूल निवासी न मानना — यह विभाजनकारी राजनीति है।” संगठन ने कहा कि हरिद्वार में पुश्तों से रहने वाले लोग किस आधार पर ‘बाहरी’ बताए जा सकते हैं? “अगर हम उत्तराखंड का हिस्सा नहीं, तो फिर हमें वापस यूपी में कर दें। यह कैसी राजनीति है कि नेताओं की कोठियां मैदान में हैं और बयानबाजी पहाड़वाद की।”
कुंभ क्षेत्र से ज्वालापुर को अलग करने पर भी सवाल….
पाहवा ने आरोप लगाया कि बीते वर्षों में कुंभ से जुड़े कई विकास कार्यों को ज्वालापुर से दूर कर दिया गया।
“कुंभ का बजट ऊपर खिसका दिया गया। ज्वालापुर जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्र की समस्याओं को 25 साल से अनदेखा किया जा रहा है।
”पूर्व मुख्यमंत्री तक पर तंज…
संगठन ने कहा कि हरिद्वार ने हरीश रावत, अनूपमा रावत और सांसद रमेश पोखरियाल निशंक जैसे नेताओं को सिर पर बिठाया, लेकिन जब मैदानवासियों के सम्मान की बात आई तो ये नेता चुप बैठे रहे।
मुख्यमंत्री से कार्रवाई की मांग, संगठन ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन भेजने की तैयारी की है, मांगें…..
सदन में विवादित टिप्पणियों की जांच हो। जनता की भावनाएं आहत करने वालों से सदन में माफी ली जाए। ज्वालापुर सहित मैदानी क्षेत्रों के विकास कार्यों को प्राथमिकता मिले। हरिद्वार की समस्याओं पर जनप्रतिनिधि मजबूती से बोले।
शांतिपूर्ण रहा विरोध, पुलिस रही सतर्क……
पुलिस बल की मौजूदगी में प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा। संगठन के कार्यकर्ता जुलूस के रूप में जटवाड़ा पुल पहुंचे और चमोली का पुतला दहन कर विरोध दर्ज कराया।


