राजनीतिहरिद्वार

रामपुर नगर पंचायत चुनाव: विधायक के फैसले से बगावत के सुर..

पत्नी को टिकट का दावेदार बनाने पर विधायक ने करीबी को किया नाराज़, जुलफान अहमद के बगावती तेवर चर्चा में..

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पंच👊नामा
रुड़की: रामपुर की नवसृजित नगर पंचायत में पहली बार हो रहे निकाय चुनाव सियासी सरगर्मियों का केंद्र बने हुए हैं। कांग्रेस विधायक हाजी फुरकान अहमद ने अध्यक्ष पद के लिए अपनी पत्नी के नाम का आवेदन करने के बाद से उनके खेमे में असंतोष उभरने लगा है। विधायक के सबसे करीबी माने जाने वाले पूर्व प्रतिनिधि जुलफान अहमद, जो लंबे समय से इस सीट के लिए तैयारी कर रहे थे, इस कदम से नाराज बताए जा रहे हैं।
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वफादारी को झटका: जुलफान अहमद की नाराजगी…सूत्रों के मुताबिक, जुलफान अहमद, जिन्हें विधायक का सबसे वफादार साथी माना जाता था, इस फैसले से खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। विधायक फुरकान अहमद ने उन्हें पहले चुनाव लड़ाने का भरोसा दिया था, लेकिन ऐन वक्त पर अपनी पत्नी के नाम का आवेदन कर उन्हें दरकिनार कर दिया। जुलफान अहमद, जिन्होंने विधायक के हर सुख-दुख में उनका साथ दिया, अब अंदरूनी तौर पर इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि जुलफान ने अपनी टीम के साथ चुनाव में विधायक की पत्नी के खिलाफ रणनीति बनाने की कवायद शुरू कर दी है।
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विधायक के खेमे में दरार: सियासी समीकरण उलझे….नगर निकाय चुनाव से ठीक पहले विधायक खेमे में आई इस फूट से राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। जुलफान की नाराजगी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आवेदन पत्र जमा करने के समय वह मौजूद नहीं रहे। ऐसे में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि यदि विधायक ने जुलफान को मनाकर अपनी ओर नहीं किया तो चुनाव में उनकी राह मुश्किल हो सकती है।
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फुरकान अहमद के लिए चुनौतियां बढ़ीं….राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जुलफान अहमद जैसे कद्दावर समर्थक का नाराज होना विधायक फुरकान अहमद के लिए बड़ा झटका हो सकता है। अगर नाराजगी सार्वजनिक स्तर पर आई तो इसका असर न केवल नगर पंचायत चुनाव पर पड़ेगा, बल्कि यह विधायक की राजनीतिक साख को भी प्रभावित कर सकता है।
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जनता के बीच चर्चाएं तेज…..रामपुर के लोग इस सियासी घटनाक्रम को बड़े दिलचस्पी से देख रहे हैं। हर ओर यह सवाल उठ रहा है कि जुलफान अहमद अपने फैसले पर कायम रहेंगे या विधायक उन्हें मना पाएंगे। राजनीतिक गलियारों में यह घटना चर्चा का प्रमुख विषय बन गई है। विधायक फुरकान अहमद और जुलफान अहमद के बीच यह सियासी खींचतान क्या मोड़ लेगी, यह तो आने वाला वक्त बताएगा। फिलहाल, रामपुर नगर पंचायत चुनाव ने कांग्रेस खेमे में उथल-पुथल मचा दी है।
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“समर्थकों का फैसला ही आखिरी होगा…रामपुर नगर पंचायत चुनाव में दावेदारी छोड़ने वाले जुल्फान अहमद ने कहा, “फिलहाल इस चुनाव में मेरी दावेदारी नहीं है, लेकिन मेरे समर्थक जो भी फैसला करेंगे, मैं उसी पर अमल करूंगा। “उनके इस बयान ने चुनावी माहौल में नई हलचल मचा दी है। क्या समर्थकों का फैसला चुनावी समीकरण बदल सकता है..? अब सबकी निगाहें जुल्फान अहमद और उनके समर्थकों के अगले कदम पर टिकी हैं।

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