“कांवड़ मेले से पहले हरिद्वार पुलिस एक्शन मोड में — मांस विक्रेताओं और ऑनलाइन डिलीवरी एजेंटों को दिए सख्त निर्देश, उल्लंघन पर होगी कड़ी कार्रवाई”..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: आगामी श्रावण मास में आयोजित होने वाले कांवड़ मेले को शांतिपूर्ण, व्यवस्थित और धार्मिक मर्यादाओं के अनुरूप संपन्न कराने के लिए हरिद्वार पुलिस प्रशासन की तैयारियाँ ज़ोरों पर हैं। इसी कड़ी में पुलिस कप्तान प्रमेन्द्र डोबाल के निर्देशानुसार सीओ ज्वालापुर अविनाश वर्मा ने कोतवाली ज्वालापुर क्षेत्र अंतर्गत संचालित समस्त मीट (मांस) की दुकानों के संचालकों व ऑनलाइन खाद्य सामग्री डिलीवरी करने वाले सेल्समैनों के साथ गोष्ठियों का आयोजन कर उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।कोतवाली ज्वालापुर परिसर में आयोजित इस गोष्ठी में प्रभारी निरीक्षक अमरजीत सिंह भी मौजूद रहे। मीट विक्रेताओं को स्पष्ट रूप से अवगत कराया गया कि आगामी कांवड़ मेले की अवधि में धार्मिक भावनाओं को दृष्टिगत रखते हुए क्षेत्र की सभी मांस की दुकानें पूर्ण रूप से बंद रहेंगी।
इस दौरान कोई भी दुकानदार न तो अपनी दुकान खोलेगा और न ही किसी भी माध्यम से मीट की बिक्री या परिवहन करेगा। यदि किसी दुकानदार ने इन आदेशों का उल्लंघन किया गया तो उसके विरुद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। पुलिस ने स्पष्ट किया कि कानून व्यवस्था और धार्मिक सौहार्द से कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा।
इसी क्रम में दूसरी गोष्ठी का आयोजन प्रभारी निरीक्षक अमरजीत सिंह ने ऑनलाइन खाद्य सामग्री पहुंचाने वाले समस्त डिलीवरी कर्मियों के साथ किया गया। इसमें सभी प्रमुख ऑनलाइन प्लेटफार्म से जुड़े प्रतिनिधियों को यह निर्देशित किया गया कि कांवड़ मेले के दौरान किसी भी स्थिति में मीट, मांसाहारी उत्पाद अथवा मादक पदार्थ जैसे शराब आदि का परिवहन नहीं किया जाएगा। इसके अलावा उन्हें यह भी निर्देशित किया गया कि वे अपने-अपने सभी टीम सदस्यों का पूर्व सत्यापन सुनिश्चित करें और अपने वाहनों की गति पर विशेष नियंत्रण रखें ताकि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था अथवा दुर्घटना की स्थिति उत्पन्न न हो।
पुलिस प्रशासन ने दोहराया कि कांवड़ यात्रा में देशभर से लाखों की संख्या में शिवभक्त हरिद्वार पहुंचते हैं, ऐसे में सभी व्यापारियों और सेवा प्रदाताओं की नैतिक और सामाजिक जिम्मेदारी है कि वे प्रशासन का पूर्ण सहयोग करें। मीट विक्रेताओं और ऑनलाइन डिलीवरी एजेंटों ने भी पुलिस को आश्वस्त किया कि वे शासन के निर्देशों का पालन करेंगे और किसी भी प्रकार की गतिविधि से दूर रहेंगे जो धार्मिक भावनाओं को आहत कर सकती हो।