उत्तराखंडराजनीति

एक कैबिनेट मंत्री की आज “कांग्रेस में घर वापसी, “भाजपा की पलटवार की तैयारी.

उत्तराखंड की राजनीति में आज फिर चढ़ेगा सियासी पारा..

: कई और नेताओं की घर वापसी के खुल जाएंगे दरवाज़े…
पंच 👊 नामा ब्यूरो
हरिद्वार: प्रदेश की राजनीति में सोमवार दोपहर होने तक सियासी पारा अचानक ऊपर चढ़ेगा। कारण यह है कि एक कैबिनेट मंत्री अपने बेटे सहित कांग्रेस में वापसी करने जा रहे हैं। दिल्ली में इस कार्यक्रम की सरगर्मियां शुरू हो चुकी हैं। पूरी संभावना है कि वह समाज कल्याण मंत्री यशपाल आर्य हो सकते हैं। सूत्र बताते हैं कि भाजपा भी पलटवार कर कुमाऊं के एक कॉन्ग्स विधायक को अपने पाले में खींचने की पूरी तैयारी कर चुकी है। इससे साफ है कि चुनाव से पहले भाजपा और कांग्रेस के बीच “सेंधमारी का खेल सोमवार के बाद नई ऊंचाई को छुएगा।
साल 2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत को गच्चा देकर 11 विधायक और मंत्री कांग्रेस अलविदा कह गए थे। कांग्रेस सरकार पर राजनीतिक संकट पैदा होने पर फ्लोर टेस्ट की नौबत भी आ गई थी। जिसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। काफी जद्दोजहद के बाद हरीश रावत अपनी सरकार बचाने में कामयाब हो गए थे। हालांकि भाजपा में शामिल होने के बाद ज्यादातर विधायकों-मंत्रियों की दाल नहीं गली और आए दिन खटपट सुनाई देती रही। कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के बीच खींची तलवारें इसका मुख्य उदाहरण है। चुनावी हलचल शुरू होने के बाद से इन नेताओं में से अधिकांश की कांग्रेस में वापसी की अटकलें भी लगाई जाती रही हैं। शुरुआती दौर में हरीश रावत इसका जोरदार विरोध करते रहे। लेकिन अब हरदा के सुर नरम पड़ने पर पुराने नेताओं के घर वापसी का सिलसिला शुरू होने जा रहा है। सोमवार को एक कैबिनेट मंत्री अपने बेटे सहित पुराने परिवार यानी कांग्रेस में वापसी करने का रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि कार्यक्रम की रूपरेखा तय कर ली गई है। आला नेताओं के सामने कैबिनेट मंत्री अपने बेटे के साथ दोबारा कांग्रेस का हाथ थाम लेंगे। वहीं, कांग्रेस के लिए भी मुश्किल कम नहीं है। भाजपा ने भी नहले पर दहला मारने की पूरी तैयारी की है। सूत्र बता रहे हैं कि पूर्व सीएम हरीश रावत के करीबी माने जाने वाले एक कांग्रेस विधायक भाजपा में जाने की सारी औपचारिकताएं पूरी कर चुके हैं। जैसे ही कांग्रेस की तरफ से घर वापसी की खबर आएगी, वैसे ही भाजपा भी पलटवार कर दमदार जवाब देगी। दोनों ही अदला-बदली कुमाऊं क्षेत्र से बताई जा रही है। जिससे इस अदला-बदली का असर खासतौर पर कुमाऊं की सियासत में नजर आएगा। वहीं, गढ़वाल के कुछ नेताओं की अदला-बदली की पटकथा भी सोमवार को लिख दी जाएगी।

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