गैरसैंण को राजधानी घोषित करने को सुराज सेवा दल का सचिवालय कूच, बैरिकेड तोड़े, कई कार्यकर्ता घायल..
राजधानी के मुद्दे पर संगठन का बड़ा शक्ति प्रदर्शन, 16 अगस्त को रमेश चंद जोशी के नेतृत्व में संसद भवन कूच की तैयारी, (देखें वीडियो)..

पंच👊नामा-ब्यूरो
देहरादून: उत्तराखंड की स्थायी राजधानी गैरसैंण की मांग को लेकर सोमवार को राजधानी देहरादून में सुराज सेवा दल का उग्र प्रदर्शन देखने को मिला। सचिवालय कूच के दौरान कार्यकर्ता बैरिकेड तोड़ते हुए मुख्य गेट तक जा पहुंचे। पुलिस से तीखी झड़पों और धक्का-मुक्की के बीच कई कार्यकर्ता घायल हो गए। सुराज सेवा दल ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने शीघ्र गैरसैंण को राजधानी घोषित नहीं किया तो 16 अगस्त को संसद भवन दिल्ली कूच किया जाएगा।
बैरिकेडिंग पर चढ़े कार्यकर्ता, पुलिस से तीखी झड़प
सुबह से ही सचिवालय की ओर बढ़ रहे सुराज सेवा दल के सैकड़ों कार्यकर्ताओं को पुलिस ने रास्ते में रोका, जिस पर बैरिकेडिंग पर चढ़ गए। प्रदेश अध्यक्ष रमेश जोशी की अगुवाई में कार्यकर्ता बैरिकेड तोड़ते हुए गेट तक पहुंच गए। इसी दौरान पुलिस से झड़प हुई और अफरा-तफरी मच गई। कई कार्यकर्ताओं को हाथ और गर्दन में चोटें आई हैं।
“शांतिपूर्ण आंदोलन को कुचला गया” रमेश जोशी……
प्रदेश अध्यक्ष रमेश जोशी ने पुलिस पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन को बलपूर्वक रोकने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार जानबूझकर गैरसैंण को राजधानी घोषित नहीं कर रही, जबकि यह राज्य आंदोलन की आत्मा है। उन्होंने इसे जनता की आकांक्षाओं का सीधा अपमान बताया।
प्रधानमंत्री को भेजा ज्ञापन, उठाई गैरसैंण की मांग…..
सुराज सेवा दल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित ज्ञापन के माध्यम से गैरसैंण को स्थायी राजधानी घोषित करने की मांग की। ज्ञापन में कहा गया कि राज्य गठन के 24 वर्षों बाद भी राजधानी का निर्धारण न होना आंदोलनकारियों की भावना के साथ अन्याय है। ज्ञापन में भौगोलिक संतुलन, पलायन पर रोक, विकेंद्रीकृत विकास और पर्यावरणीय संरक्षण जैसे तर्कों को रखा गया।
संगठन ने कहा कि यह केवल राजनीतिक मुद्दा नहीं, बल्कि उत्तराखंड की अस्मिता और अस्तित्व का सवाल है। कार्यकर्ताओं की चेतावनी, अब नहीं रुकेगा आंदोलन कूच में कावेरी जोशी, सोनम, पूजा नेगी, संगीता रतूड़ी, नीतू, सुनीता ठाकुर, देवेंद्र बिष्ट,
अजय मौर्या, कमल धामी, सतीश मिश्रा, हिमांशु धामी, पुराण सती, विशाल शर्मा समेत हजारों कार्यकर्ता मौजूद रहे। सभी ने एक स्वर में घोषणा की— “अब आंदोलन नहीं रुकेगा। राजधानी गैरसैंण को बनाकर ही रहेंगे।”