विज्ञान और मानविकी में चेतना अध्ययन-पूर्वी और पश्चिमी परिप्रेक्ष्य..

पंच👊नामा-ब्यूरो
ज्योति एस, आगरा: ‘विज्ञान और मानविकी में चेतना अध्ययन – पूर्वी और पश्चिमी परिप्रेक्ष्य’ इस महत्वपूर्ण दिन पर हम यहां प्रोफेसर प्रेम सरन सत्संगी साहब, प्रोफेसर अन्ना एम होरात्सचेक और प्रोफेसर आनंद श्रीवास्तव द्वारा संपादित ‘Consciousness Studies in Sciences and Humanities – Eastern and Western Perspectives’ (‘विज्ञान और मानविकी में चेतना अध्ययन – पूर्वी और पश्चिमी परिप्रेक्ष्य’ नामक पुस्तक के ई लॉन्च के लिए एक साथ एकत्र हुए हैं और जुड़े हैं। पुस्तक में 2019 से 2021 तक आयोजित दयालबाग विज्ञान चेतना सम्मेलन में प्रस्तुत किए गए पेपर शामिल हैं।
और यह पूर्वी और पश्चिमी दृष्टिकोण से चेतना मॉडल प्रस्तुत करता है जहां चेतना को पश्चिमी वैज्ञानिकों द्वारा मस्तिष्क गतिविधि के रूप में और विभिन्न धर्मों द्वारा, विशेष रूप से पूर्व में एक दिव्य उपस्थिति के रूप में माना जाता है।
पुस्तक विचारों का ट्रांसडिसिप्लिनरी और ट्रांसकल्चरल आदान-प्रदान प्रदान करती है और न्यूरोलॉजी, क्वांटम यांत्रिकी, एल्गोरिथम विज्ञान, गणित, खगोल भौतिकी से लेकर साहित्यिक अध्ययन, दर्शन और (तुलनात्मक) धर्मशास्त्र तक चेतना अध्ययन में प्रमुख विषयों से नवीनतम शोध की पेशकश करती है।