हरिद्वार

“दरगाह पिरान कलियर कार्यालय में वित्तीय घोटाले की गूंज..! वक्फ बोर्ड CEO ने प्रबंधक को थमाया स्पष्टीकरण नोटिस, करोड़ों की अनियमितताओं पर उठे सवाल..

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पंच👊नामा
रुड़की: उत्तराखंड की ऐतिहासिक दरगाह पिरान कलियर की व्यवस्थाओं का जिम्मा रखने वाला कार्यालय एक बार फिर भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरा नजर आ रहा है। वर्षों से दरगाह कार्यालय पर ठेकों में धांधली, ठेकेदारों से सांठगांठ और नियमों की अनदेखी के आरोप लगते रहे हैं, लेकिन इस बार मामला बेहद गंभीर और दिलचस्प मोड़ पर पहुंच चुका है। दरअसल, उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) ने स्वयं दरगाह प्रबंधक की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए उन्हें एक कड़ा स्पष्टीकरण नोटिस थमा दिया है। इस नोटिस में ठेकेदारों को अनुचित लाभ पहुंचाने, नियम शर्तों का उल्लंघन करने, करोड़ों की बकाया राशि वसूली में लापरवाही बरतने और परफॉर्मेंस सिक्योरिटी के बिना पूरे वर्ष ठेके चलवाने जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं।नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि दरगाह को वित्तीय नुकसान पहुंचाया गया है और यह जीरो टॉलरेंस की नीति का सीधा उल्लंघन है। दरगाह प्रबंधक को एक सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा गया था, लेकिन जवाब देने की समय-सीमा खत्म हो चुकी है और अब तक न तो कोई स्पष्टीकरण सामने आया है और न ही किसी तरह की कार्रवाई की जानकारी दी गई है। यह स्थिति खुद नोटिस की गंभीरता और कार्रवाई की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर रही है।गौरतलब है कि दरगाह प्रबंधन की कार्यशैली को लेकर पूर्व में भी कई बार अधिकारियों द्वारा स्पष्टीकरण नोटिस दिए जा चुके हैं, लेकिन हर बार मामला सामने आने से पहले ही दबा दिया जाता रहा है। अब जबकि खुद वक्फ बोर्ड का शीर्ष अधिकारी खुलकर सामने आया है, तो लोगों को उम्मीद है कि इस बार जांच और कार्रवाई दोनों ठोस होंगी।स्थानीय समाजसेवी, जायरीन और क्षेत्रीय जनता अब वक्फ बोर्ड से पारदर्शिता और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रही है। उनका कहना है कि धार्मिक आस्था से जुड़ी दरगाह में इस तरह का भ्रष्टाचार न केवल विश्वास को ठेस पहुंचाता है, बल्कि सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति को भी धता बताता है।इस पूरे मामले में जब वक्फ बोर्ड के सीईओ से संपर्क करने की कोशिश की गई तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया। फिलहाल यह मामला क्षेत्र में चर्चा और गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है, और सभी की निगाहें अब इस बात पर टिकी हैं कि क्या इस बार भी मामला दबा दिया जाएगा, या फिर निष्पक्ष जांच कर कठोर कार्रवाई अमल में लाई जाती है..!

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