अपराधहरिद्वार

जटवाड़ा पुल पर प्रदर्शन करने वाले 60 लोगों पर मुकदमा, वीडियो रिकॉर्डिंग से होगी पहचान…

भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा के खिलाफ "मुस्लिम युवाओं ने किया था प्रदर्शन..

पंच👊नामा ब्यूरो
हरिद्वार: पैगंबर साहब के खिलाफ टिप्पणी करने वाली भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा पर कार्रवाई की मांग को लेकर जटवाड़ा पुल ज्वालापुर में विरोध प्रदर्शन करने वाले 60 लोगों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। इनमें 25 लोग नामजद है। दरअसल, पुलिस का आरोप है कि प्रदर्शन की कोई अनुमति नहीं ली गई और मुस्लिम सेवा संगठन ने बिना अनुमति ही लोगों का जमावड़ा लगाकर रास्ता बाधित किया जिससे आने जाने वालों को परेशानी उठानी पड़ी। खास बात यह है कि इन 25 नामजद लोगों के अलावा बाकी चेहरों की पहचान वीडियो रिकॉर्डिंग के आधार पर की जाएगी। पुलिस ने एहतियात के तौर पर शुक्रवार को ही पूरे कार्यक्रम की वीडियोग्राफी कराई थी। ज्वालापुर कोतवाली प्रभारी महेश जोशी की ओर से दर्ज कराए गए इस मुकदमे में समीर अंसारी पुत्र मुजम्मिल अंसारी निवासी मौहल्ला घोसियान कोतवाली ज्वालापुर, नदीम अहमद सदस्य मुस्लिम सेवा संगठन / कार्यक्रम संयोजक निवासी मौहल्ला कोटरवान ज्वालापुर, नईम कुरैशी अध्यक्ष मुस्लिम सेवा संगठन, सद्दाम कुरेशी संरक्षक मुस्लिम सेवा संगठन, गुलबहार अहमद निवासी अहबाबनगर ज्वालापुर, अजमत अल्वी, शादाब कुरेशी, तनवीर कुरेशी, सलीम ख्वाजा, सद्दाम कुरेशी, राशिद अल्वी, राशिद अली, अक्की कुरेशी, अफजल अल्वी, काजी मोनिस सलीम ख्वाजा, सरफराज कुरेशी, सुलेमान भट्ट, मेहरबान खान, महताब, दानिश, सलीम ख्वाजा, रहमान अंसारी, मुख्तार अहमद खान, मौहम्मद अर्श, समीर अंसारी को नामजद करते हुए आदि 50-60 लोगों पर बिना अनुमति विरोध प्रदर्शन करते हुए रास्ता बाधित करने और लोगों को परेशान करने का आरोप है। इस प्रदर्शन में करीब 250 से अधिक लोगों ने भाग लिया था। पुलिस ने अब वीडियोग्राफी खंगालने का काम शुरू कर दिया है, वीडियो के आधार पर बाकी चेहरों की तस्दीक की जाएगी।
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स्थानीय लोग उठा रहे सवाल
देहरादून से संचालित मुस्लिम सेवा संगठन के इस नादानी पर स्थानीय लोग सवाल उठा रहे हैं। सवाल ये है कि उन्होंने बिना अनुमति विरोध प्रदर्शन करने की जहमत क्यों उठाई। यदि विरोध जताना था तो अनुमति लेकर जताया जा सकता था। अगर कार्रवाई भी करानी थी तो कोर्ट में मुकदमा दायर किया जा सकता था। अन्यथा कुछ लोग ज्ञापन या तहरीर भी पुलिस प्रशासन को दे सकते थे। अगर इतनी बड़ी संख्या में लोग जुटाने थे तो इसके लिए परमिशन क्यों नहीं ली गई। इसके पीछे मुस्लिम सेवा संगठन की क्या मंशा रही होगी, इसको लेकर कई तरह की चर्चाएं शहर में बनी हुई है। सोशल मीडिया पर भी लोग एक दूसरे पर सवाल दाग रहे हैं। कुछ लोगों का तो यहां तक कहना है कि देहरादून से चलने वाले मुस्लिम सेवा संगठन ने यह प्रदर्शन अपने शहर में क्यों नहीं किया।

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