
पंच👊नामा-हरिद्वार: उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव की जंग विकास से शुरू होकर आखिरकार हिंदू मुस्लिम के मुद्दों तक पहुंच ही गई। भाजपा ने जुमे की छुट्टी के बाद अब मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाने के वादे पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को घेरा है। सोशल मीडिया पर हरीश रावत के मौलवी के रूप में फोटो वायरल किए जा रहा है। कांग्रेस इसे आइटी सेल की नापाक हरकत बता रही है, वहीं, हरीश रावत ने चिर परिचित अंदाज में पलटवार करते हुए भाजपा पर झूठ गढ़ने का आरोप लगाया है।

हरीश रावत का कहना है कि उन्होंने अपनी सरकार में न तो कभी जुमे की छुट्टी घोषित की और न अब मुस्लिम यूनिवर्सिटी का वादा किया। हरदा ने कहा कि कहीं भाजपा को अपनी जालसाजी का जवाब जरूर देना पड़ेगा। भाजपा कांग्रेस में जुबानी हमले तेज होने पर कुल मिलाकर चुनाव की गाड़ी आखिरकार हिंदू मुस्लिम मुद्दे पर आकर अटक गई है।
अपने फेसबुक पेज पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने लिखा है कि #भाजपा का फिर से एक बड़ा झूठ, कभी नमाज़ की छुट्टी तो कभी मेरी टोपी। वाह रे भाजपा तुम्हारे पास जनता को बताने के लिए इस चुनाव में और कुछ नहीं है, केवल हिंदू-मुसलमान! जरा यह तो बता दो कि अपने इतने साल के शासन में तुमने कितने बांग्लादेशी और घुसपैठिए देश से निकाले हैं? जिस सवाल पर तुम राजनैतिक ध्रुवीकरण करने की कोशिश करते थे, उस सवाल को सत्ता में आने के बाद भूल गये! तुम भूल गये कि हरीश रावत ने भगवान सूर्य देव की पूजा के दिन छठ की भी छुट्टी, तुम भूल गये कि हमारी बहनें अपने पति के दीर्घ जीवन के लिए करवाचौथ मनाती हैं, हरीश रावत ने करवा चौथ की भी छुट्टी दी, ईश्वर के अंशावतार के रूप में दलित घर में पैदा रैदास जी के जन्मदिन पर भी छुट्टी दी, हरीश रावत ने हरेले को जो उत्तराखंड के संस्कृति का एक महापर्व है, उसको राज्य पर्व के रूप में मनाया व राज्य पर्व घोषित किया। फूलदेई से लेकर घी सक्रांति तक, घुघुतिया त्यौहार/उत्तरायणी से लेकर हर उस त्योहार को राज्य के नीति से जोड़ा और उसको उत्साह पूर्वक मनाने की योजना को लागू किया। कभी कुछ और अब मुस्लिम यूनिवर्सिटी, अरे हमने प्रयास किया संस्कृत विश्वविद्यालय बनाने का और हरिद्वार में बनाया भी, वो आपको नजर नहीं आया! किसी ने कहा भी नहीं मुझे नहीं मालूम। मैं समझता हूँ कांग्रेस के किसी जिम्मेदार पदाधिकारी और किसी मुसलमान भाई ने भी जिस तरीके से नमाज़ की छुट्टी देने की मांग नहीं की, उसी तरीके से मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाए जाने की भी मांग नहीं की है। मगर झूठ गढ़ने में आपका कोई सानी नहीं है, चुनाव के बाद फिर मिलेंगे और इस तरीके के जालसाजी के लिए आपको कहीं न कहीं जवाब देना पड़ेगा।