धनौरी पी.जी. कॉलेज में ‘बौद्धिक संपदा अधिकार’ पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित..

पंच👊नामा
कलीम सिद्दीकी, पिरान कलियर: धनौरी पी.जी. कॉलेज के शिक्षा शास्त्र विभाग द्वारा रुड़की आईआईटी के संयोजन में ‘बौद्धिक संपदा अधिकार’ (Intellectual Property Rights – IPR) पर एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षकों और शोधकर्ताओं को बौद्धिक संपदा के महत्व, उसके संरक्षण और इससे होने वाले व्यक्तिगत व सामाजिक लाभों के प्रति जागरूक करना था।
कार्यक्रम में आईआईटी रुड़की के मैनेजमेंट विभाग से आईं विशेषज्ञ डॉ. उषा और डॉ. गुंजन ने अपने ज्ञान और अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि कैसे शोध और नवाचार के क्षेत्र में कार्य करते हुए समाज और राष्ट्र के साथ-साथ व्यक्तिगत विकास भी संभव है।इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. विजय कुमार ने भी IPR पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आज के दौर में बौद्धिक संपदा अधिकारों की समझ बेहद जरूरी है। उन्होंने विश्वास जताया कि महाविद्यालय की ऊर्जावान फैकल्टी इस क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित करेगी।कार्यक्रम का सफल संचालन शिक्षा शास्त्र विभाग की अध्यक्ष डॉ. अलका सैनी ने किया। इस दौरान डॉ. सुनीता, डॉ. सुशील सहित सभी सहायक आचार्य भी उपस्थित रहे और इस महत्वपूर्ण विषय पर विचार-विमर्श किया।
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IPR जागरूकता – नवाचार और शोध को नई दिशा….
इस तरह के कार्यक्रम शिक्षाविदों को अपने शोध कार्य को सुरक्षित रखने और नवाचार को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं। धनौरी पी.जी. कॉलेज का यह प्रयास शिक्षा और शोध के क्षेत्र में एक नया आयाम जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।