
पंच👊नामा
सुल्तान, हरिद्वार: तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के माफिया डॉन नीरज बवाना के नाम से पांच लाख की रंगदारी मांगने वाला कोई शातिर बदमाश नहीं, बल्कि सीधा-साधा एक बेरोजगार युवक निकला।
एक कहावत है कि खाली दिमाग शैतान का होता है। युवक के पास कोई काम धंधा नहीं था, उसे सड़क पर एक मोबाइल पड़ा मिला और रंगदारी मांगने का आइडिया दिमाग में घुस गया। रही कसर यूटयूब पर नीरज बवाना के वीडियो देखकर पूरी हो गई। सिडकुल पुलिस और एसओजी ने मिलकर उसे गिरफ्तार कर लिया।सीओ सदर हेमेंद्र नेगी ने सिडकुल थाने में पत्रकार वार्ता करते हुए बताया कि औद्योगिक क्षेत्र में रेल के उपकरण बनाने वाली फैक्ट्री अवध रेल के स्वामी विरेंद्र पंवार के बेटे अमित पंवार के मोबाइल पर चार दिन पहले अंजान नंबर से कॉल आई थी। बात करने वाले ने खुद को नीरज बवाना गैंग का सदस्य बताते हुए पांच लाख की रंगदारी मांगी और रकम न देने पर हत्या की धमकी दी।
मुकदमा दर्ज होने के बाद इंस्पेक्टर सिडकुल प्रमोद उनियाल और एसओजी इंस्पेक्टर नरेंद्र बिष्ट ने अपनी टीमों के साथ मिलकर खोजबीन की। मोबाइल नंबर की डिटेल निकालने पर पता चला कि सिम जिस युवक के नाम पर है, वह सड़क हादसे का शिकार हुआ था और उसी दौरान मोबाइल गिर गया था। पुलिस ने लोकेशन निकालकर जाल बिछाते हुए आरोपी नितिन भाटी निवासी ग्राम भौरा थाना ककोड़, जिला बुलंदशहर उत्तर प्रदेश को गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में नितिन ने बताया कि कुछ दिन पहले तक वह अवध रेल कंपनी में काम करता था, नौकरी छूटने के कारण वह परेशान चल रहा था। इसलिए रंगदारी मांग बैठा। युवक ने बताया कि उसने यूटयूब पर नीरज बवाना का वीडियो देखकर रंगदारी का पूरा प्लान बनाया था। लेकिन वह इस बात से अंजान रहा कि मोबाइल के सहारे पुलिस किसी भी वक्त उसके करीब पहुंच सकती है। पुलिस टीम में इंस्पेक्टर सिडकुल प्रमोद उनियाल, एसएसआई शहजाद अली, उपनिरीक्षक बारु सिंह चाहान, कांस्टेबल कर्म सिंह, संदीप, एसओजी इंसपेक्टर नरेंद्र बिष्ट, एसओजी प्रभारी रणजीत तोमर, हैड कांस्टेबल सुंदर लाल, कांस्टेबल पदम, वसीम, हरवीर, नरेंद्र, मनोज आदि शामिल रहे।