हरिद्वार में मासूम के यौन उत्पीड़न का मामला गरमाया, प्रधानाचार्य की भूमिका पर उठे सवाल, स्कूल की मान्यता रद्द करने की मांग तेज..
स्थानीय प्रशासन और सत्तारूढ़ दल की चुप्पी पर भी उठ रहे सवाल, आमजन में आक्रोश..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: एंजेल्स एकेडमी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में एक छह वर्षीय मासूम छात्रा के यौन उत्पीड़न के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस शर्मनाक घटना में आरोपी स्कूल बस चालक की गिरफ्तारी के बाद अब स्कूल की प्रधानाचार्य और भाजपा नेत्री रश्मि चौहान की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं। बताया जा रहा है कि छात्रा की मां ने जब अपनी बच्ची की आपबीती सुनकर शिकायत की, तो रश्मि चौहान ने न केवल आरोपों को नकारा बल्कि मासूम को ही झूठा ठहराते हुए उसे स्कूल से निष्कासित कर दिया।
घटना का खुलासा तब हुआ जब छात्रा की मां ने बच्ची को नहलाते समय उससे बातचीत की और मासूम ने बताया कि बस ड्राइवर ‘अंकल’ उसे धमकाकर गलत हरकतें करता है। इसके बाद मां ने स्कूल जाकर रश्मि चौहान से शिकायत की, लेकिन उन्होंने आरोपी बस चालक मोंटी का बचाव किया और मां-बेटी को स्कूल से निकाल दिया गया।
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पुलिस कार्रवाई और सत्ताधारी दबाव का आरोप….बहादराबाद पुलिस ने सोमवार को आरोपी बस चालक मोंटी को गिरफ्तार कर लिया है। उस पर पोक्सो एक्ट सहित अन्य गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। साथ ही प्रधानाचार्य रश्मि चौहान और एक अन्य स्कूल स्टाफ के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। हालांकि, प्रधानाचार्य के खिलाफ अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है, जिससे आम नागरिकों और समाजसेवियों में भारी नाराजगी है।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि रश्मि चौहान भाजपा की जिला उपाध्यक्ष हैं और कई बड़े नेताओं से उनके करीबी संबंध हैं, जिसके चलते पुलिस कार्रवाई में ढिलाई बरती जा रही है। सूत्रों के अनुसार, रश्मि चौहान फिलहाल भूमिगत हैं और पुलिस पर दबाव बनाने की कोशिशें जारी हैं।
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आक्रोशित समाज का प्रशासन से सवाल – स्कूल की मान्यता रद्द हो…..इस घटना के बाद समाजसेवी और व्यापारिक संगठनों ने प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। महानगर व्यापार मंडल के अध्यक्ष और अन्य सामाजिक संगठनों ने सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपकर स्कूल की मान्यता रद्द करने और स्कूल प्रबंधन की मनमानी पर लगाम लगाने की मांग की है। जिला अध्यक्ष सुनील सेठी ने कहा, “जब बच्चा स्कूल में भी सुरक्षित नहीं है, तो ऐसे स्कूलों को चलाने की कोई जरूरत नहीं। प्रबंधन सिर्फ फीस वसूली में लगा है और बच्चों की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है।
समाजसेवी पंडित अधीर कौशिक ने मांग की कि सभी स्कूल बसों में महिला सहायकों की नियुक्ति अनिवार्य की जाए, ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। व्यापार मंडल के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने भी कहा कि ऐसे संवेदनशील मामलों में शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन की निष्क्रियता चिंता का विषय है।
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ज्ञापन देने वालों में प्रमुख लोग शामिल….
ज्ञापन देने वालों में प्रमुख रूप से रणवीर शर्मा, सचिन चौधरी, हरि मोहन भारद्वाज, गौरव खन्ना, पवन पंडित, अभिनव चौरसिया, हरि शर्मा, मुकेश अग्रवाल समेत दर्जनों लोग शामिल थे।