हरिद्वार

पीएफ फर्जीवाड़े के आरोप से कोर्ट ने किया दोषमुक्त..

"मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अविनाश कुमार श्रीवास्तव की कोर्ट ने सुनाया फैसला..

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पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अविनाश कुमार श्रीवास्तव की कोर्ट ने भविष्य निधि (पीएफ) का फर्जीवाडा करके साढ़े बारह लाख से अधिक रुपयों के गबन के आरोपी को दोषमुक्त किया गया है। मैसर्स गौरी शंकर पॉलिसी वर्क्स लिमिटेड के प्रोपराइटर गौरी शंकर गुप्ता पर गबन का आरोप था। वर्ष 2020 मे उनके खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप मे मुकदमा दर्ज कराया गया था। उनके अधिवक्ता विपिन कुमार धीमान की मज़बूत पैरवी के चलते न्यायलय ने उन्हें साक्ष्यों के अभाव मे दोषमुक्त कर दिया गया है। जानकारी के अनुसार अक्टूबर वर्ष 2020 मे अविनाश कुमार, प्रवर्तन अधिकारी देहरादून ने कोतवाली मे मुकदमा दर्ज कराया कि मेसर्स गौरी शंकर पोलिस वर्क लिमिटेड मोहल्ला कोटरवान, ज्वालापुर कर्मचारी भविष्य निधि एव प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम,1952 के अंतर्गत क्षेत्रीय कार्यालय, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन देहरादून के क्षेत्राधिकार में आवृत संस्थान है।

फाइल फोटो

इस संस्थान के प्रोपराइटर गौरी शंकर गुप्ता है। कार्यालय के आडिट के दौरान यह पाया गया है कि उक्त संस्थान के कई कर्मचारियों की धनराशि एक ही खाते में गई है जबकि कर्मचारियों के नाम भिन्न थे। दावा प्रपत्रों की जांच की गई तो सभी दावा प्रपत्र संस्थान के प्राधिकृत अधिकारी गौरी शंकर गुप्ता के पुत्र द्वारा सत्यापित थे। जब सम्बंधित खातों की जानकारी बैंको से प्राप्त की तो यह पाया की जिनकी भविष्य निधि की धनराशि निकाली गयी उन नामों से भिन्न है।

फाइल फोटो: कोर्ट

जिससे यह पता चलता है की उक्त संस्थान के प्रोप्राइटर गौरी शंकर गुप्ता ने कई कर्मचारियों से भविष्य निधि की धनराशि फर्जी तरीके से किसी दूसरे के खाते में डलवाकर निकाल ली है। वादी ने गौरी शंकर गुप्ता पर फर्जीवाडा करके कुल बारह लाख बावन हजार छह सौ इकसठ रूपए के गबन का आरोप लगाया। मामले की सुनवाई कोर्ट मे चली।

फाइल फोटो: कोर्ट

गौरी शंकर गुप्ता की और से उनके अधिवक्ता विपिन कुमार धीमान द्वारा मज़बूत पैरवी की गई और साक्ष्य प्रस्तुत किए गए। संबंधित पक्षो को सुनने के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अविनाश कुमार श्रीवास्तव की कोर्ट ने आरोपी गौरी शंकर गुप्ता को दोषमुक्त कर दिया गया। अधिवक्ता विपिन कुमार धीमान ने बताया कि कोई भी मज़बूत साक्ष्य ना मिलने के कारण कोर्ट ने उन्हें दोषमुक्त किया गया है।

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