“समूह ‘ग’ की स्नातक स्तरीय परीक्षा रद्द… न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी की संस्तुति पर धामी सरकार ने लगाई मुहर..

पंच👊नामा-ब्यूरो
देहरादून: आखिरकार लंबे इंतजार के बाद समूह ‘ग’ की स्नातक स्तरीय परीक्षा रद्द कर दी गई है। न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी की एकल पीठ की रिपोर्ट में की गई “परीक्षा निरस्त करने” की संस्तुति को सरकार ने अनुमोदित कर उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) को भेजा था। शुक्रवार देर शाम आयोग ने बैठक कर परीक्षा रद्द करने का औपचारिक निर्णय ले लिया।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार अभ्यर्थियों की मांगों के प्रति पूरी तरह संवेदनशील रही है। “पहली मांग के तहत सीबीआई जांच के आदेश पहले ही दे दिए गए थे, अब दूसरी मांग — परीक्षा रद्द करने — को भी स्वीकार कर लिया गया है। हमारी प्राथमिकता पारदर्शिता और निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया सुनिश्चित करना है,” उन्होंने कहा।
यूकेएसएसएससी के सचिव डॉ. शिव कुमार बरनवाल ने पुष्टि की कि आयोग ने न्यायमूर्ति ध्यानी की संस्तुति पर सहमति जताते हुए परीक्षा को निरस्त कर दिया है। उन्होंने कहा कि नई परीक्षा तिथि तय करने की प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जाएगी।
सूत्रों के अनुसार, न्यायमूर्ति ध्यानी की रिपोर्ट में परीक्षा प्रक्रिया में कई गंभीर अनियमितताएं और तकनीकी त्रुटियां उजागर की गई थीं। रिपोर्ट में साफ तौर पर लिखा गया था कि परीक्षा की विश्वसनीयता संदेह के घेरे में आ चुकी है, इसलिए इसे निरस्त करना ही उचित होगा।
परीक्षा रद्द होने की सूचना मिलते ही प्रदेशभर के अभ्यर्थियों में मिश्रित प्रतिक्रिया देखने को मिली। कई अभ्यर्थियों ने सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए इसे “न्यायपूर्ण निर्णय” बताया, वहीं कुछ ने कहा कि मेहनत करने वाले उम्मीदवारों के लिए यह निराशाजनक है। अब सभी की निगाहें आयोग पर टिकी हैं, जो आने वाले दिनों में नई परीक्षा तिथि और संशोधित दिशा-निर्देश जारी करेगा।