दहेज में 15 बीघा जमीन मांग रहा था दूल्हा, लड़की वालों ने पूरी बारात को बना लिया बंधक, हंगामा..
शादी में खर्च हुए 20 लाख रुपये देकर देकर मिली रिहाई, जान बची तो बैरंग लौटी बारात, देखें तस्वीरें और वीडियो..
पंच👊नामा
रुड़की: दूल्हे राजा को दहेज में जमीन की मांग करना उस समय भारी पड़ गया, जब दुल्हन पक्ष के लोगों ने दूल्हे समेत पूरी बारात को बंधक बना लिया। काफी फजीहत के बाद जिम्मेदार लोगों के बीच बैठकर करीब 20 लाख देने पड़े, तब जाकर दूल्हा और बाराती वापस लौट सके। दरअसल भगवानपुर थाना क्षेत्र में दूल्हे राजा बारात लेकर पहुँचे थे, लेकिन निकाह से पहले ही दूल्हे पक्ष की तरफ से दहेज में 15 बीघा जमीन मांगने को लेकर मामला बिगड़ गया, बताया गया है कि दुल्हन के माता पिता भी नहीं हैं और उसकी शादी उसके ताऊ कर रहे थे, हालांकि कई घंटों तक दुल्हा और दुल्हन पक्ष के लोगों के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई, लेकिन इसके बाद दुल्हा पक्ष की तरफ से 20 लाख रुपये में फैसला हुआ और बारात को बैरंग वापस लौटना पड़ा।जानाकारी के मुताबिक मंगलौर कोतवाली क्षेत्र के एक गांव निवासी युवक का रिश्ता भगवानपुर थाना क्षेत्र के एक गांव में हुआ था, वहीं बीते दिन 25 अप्रैल गुरुवार को दूल्हा बारात लेकर पहुंचा, हालांकि दुल्हन पक्ष की तरफ से हैसियत के हिसाब से तीन दिन पूर्व दहेज का पूरा सामान भी भेज दिया गया था और 10 लाख रुपये दूल्हे की पसंद की कार खरीदने के लिए केश भी दिया गया था। इन पैसों से दूल्हे ने स्विफ्ट कार भी खरीदी थी, बताया गया है कि दहेज में दिया गया कुछ समान दूल्हे पक्ष को पसंद नहीं आया, जिस पर दुल्हन के परिजनों ने वह सामान बदलकर दूसरा भेज दिया, वहीं गुरुवार को दूल्हे पक्ष के लोग बारात लेकर दुल्हन के घर पहुंचे, बताया गया है कि निकाह पढ़ने से पहले दूल्हे पक्ष ने दहेज में 15 बीघा जमीन की डिमांड कर दी। जिस पर दुल्हन के परिवार के लोगों को गुस्सा आ गया और बात बिगड़ गई और दोनों पक्षों में तीखी नोकझोंक होने लगी, इसके बाद दुल्हन के परिजनों ने निकाह से इनकार कर दिया, मामला इतना बढ़ा की दुल्हन पक्ष के लोगों ने दूल्हे के पिता को चारपाई पर लेटाया और कमरे के अंदर ले गए।वहीं सूचना पर पहुंची पुलिस और गांव के मोज्जिज लोगों ने किसी तरह से मामला शांत कराया, इसके बाद दुल्हन पक्ष के लोगों ने शादी में हुए खर्च की दूल्हे पक्ष से मांग कर दी, इसके बाद फैसले में दूल्हे पक्ष की तरफ से 20 लाख रुपये देने तय किए गए, जिसके बाद दूल्हे राजा अपनी बारात लेकर बिना दुल्हन के ही वापस लौट गए।