
पंच👊🏻नामा-ब्यूरो
सुल्तान, हरिद्वार: भाड़ में जाए दुनियादारी, यूं ही चलेगी थानेदारी… यह डेढ़ लाइन की बात उत्तर प्रदेश से सटे जिले के एक थाने पर सटीक बैठती है। नियम-कानून में कुछ भी लिखा हो, बैठकों में अधिकारी लाख हिदायत दें, लेकिन थानेदार साहब को कतई परवाह नहीं। जब मन चाहा थाने से निकले और चल दिए लॉन्ग ड्राइव पर। बड़ी बात यह है कि किसी को चार्ज भी नहीं देना और सरकारी मोबाइल नंबर भी स्विच ऑफ रखना। बात चाहे 2 दिन के लिए जिले से बाहर अपने घर जाने की हो या फिर कुछ घंटों के लिए दिल बहलाने की, थानेदार साहब अपने दिल की सुनते हैं। इसके बाद थाना क्षेत्र में आग लगे या लूट मचे, थानेदार साहब के जूते पर फर्क नहीं पड़ता।

महकमे में चर्चा है कि इतने मनमाने तरीके से थाना वही चला सकता है, जिसके ऊपर भारी वाला हाथ हो। स्टाफ हैरान है.. पब्लिक परेशान है.. माना कि अफसर मेहरबान है… लेकिन यह थाना है, या लाला जी की दुकान है। बगल में पड़ोसी राज्य का संवेदनशील जिला है, चुनाव का मौसम है, ऐसी भी क्या ठरक कि सारी सरगर्मी एक तरफ, मौज-मस्ती दूसरी तरफ। कुल मिलाकर थाने का भगवान ही मालिक है।
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