बोर्ड बैठक में सत्ताधारियों की हनक, बाद में केवल चार प्रस्तावों पर लगी मुहर..
निगम की खाली बेशकीमती जमीनों से जुड़े प्रस्ताव पर चर्चाओं का बाजार हुआ था गर्म, बैक डोर पॉलिटिक्स को झटका..
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पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: नगर निगम की पहली बोर्ड बैठक में सत्ताधारी पार्षदों की हनक साफ नजर आई। हंगामा के बीच सभी प्रस्ताव पास होने का दावा करते हुए भाजपा के पार्षद खाना खाने के लिए चलते बने। लेकिन बोर्ड बैठक के बाद मामले में नया मोड़ आ गया। मेयर और नगर आयुक्त की ओर से मीडिया को बताया गया कि बैठक में अंततः केवल चार प्रस्तावों को ही मंजूरी दी गई। चार प्रस्ताव के अलावा बाकी प्रस्ताव निरस्त होने से कई राजनीतिक खिलाड़ियों के अरमानों पर फिलहाल पानी फिर गया है।
खास तौर पर एजेंडे में एक गोलमोल प्रस्ताव में शामिल नगर निगम की खाली पड़ी पेश कीमती जमीनों पर कमर्शियल निर्माण की पटकथा लिखने वाले एक दिग्गज और चंद भाजपा नेताओं को इसके लिए अभी और इंतजार करना होगा।
विवादों के बीच पास हुए चार प्रस्ताव….
महापौर किरण जैसल ने मीडिया को जानकारी दी कि बैठक में निरंतर हो रहे हंगामे के कारण केवल चार प्रस्ताव ही पास किए गए। ये प्रस्ताव हरिद्वार नगर निगम के प्रशासन और सफाई व्यवस्था को मजबूत करने से संबंधित हैं।नगर निगम के नए उप-नियमों का निर्माण: नगर पालिका परिषद हरिद्वार के समय बनाए गए उप-नियम अब प्रासंगिक नहीं रह गए हैं। इसलिए नगर निगम हरिद्वार की वर्तमान स्थिति के अनुरूप नए उप-नियम तैयार किए जाएंगे और उनका अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा।
घाटों की सफाई के लिए आधुनिक उपकरणों का उपयोग…. हरिद्वार के घाटों की सफाई उच्च स्तर पर करने के लिए आधुनिक उपकरणों का उपयोग किया जाएगा। इस पर प्रभावी कार्रवाई की जाएगी ताकि श्रद्धालुओं को स्वच्छ वातावरण मिल सके।
स्वच्छ और हरित हरिद्वार: “स्वच्छ हरिद्वार, हरित हरिद्वार” की परिकल्पना को साकार करने के लिए सफाई व्यवस्था को और प्रभावी बनाया जाएगा।
नालों की समय पर सफाई: नगर निगम क्षेत्र में स्थित छोटे-बड़े सभी नालों और नालियों की सफाई तीन माह में, वर्षा ऋतु से पहले पूरी की जाएगी।
बैकडोर पॉलिटिक्स को झटका….?
बैठक के बाद चर्चा यह भी रही कि पर्दे के पीछे से खेल खेलने वाले कई धुरंधरों को बड़ा झटका लगा है। नगर निगम की खाली जमीन पर निर्माण को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म था, लेकिन इस पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया। इससे उन लोगों की योजना प्रभावित हुई जो इन जमीनों पर निर्माण कार्य के इच्छुक थे।विपक्ष ने लगाए आरोप….
बैठक के दौरान विपक्षी पार्षदों ने आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष ने जनहित के मुद्दों को नजरअंदाज कर दिया और केवल उन्हीं प्रस्तावों को पास किया गया जो प्रशासन की प्राथमिकता में थे। कांग्रेस पार्षदों ने वोटर लिस्ट से नाम काटे जाने पर सवाल उठाए और इसे एक सुनियोजित साजिश बताया। इसके अलावा, एक पार्षद के पति की मौजूदगी पर भी सवाल उठाए गए, जिससे सदन में हंगामा हुआ।निगम प्रशासन की सफाई….
नगर निगम प्रशासन का कहना है कि बैठक में हंगामे की वजह से अन्य प्रस्तावों पर चर्चा नहीं हो सकी। केवल वे प्रस्ताव पास किए गए जो शहर की सफाई और प्रशासनिक व्यवस्था से जुड़े थे। महापौर किरण जैसल ने स्पष्ट किया कि जल्द ही बाकी मुद्दों पर भी विचार किया जाएगा।