पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार के सख्त निर्देश पर प्रदेश’भर में चलाए जा रहे फरार इनामी अपराधियों की गिरफ्तारी अभियान में उत्तराखंड एसटीएफ को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है।
2004 में हरिद्वार के इलाहाबाद बैंक में हुई डकैती के मुख्य आरोपी उदय उर्फ विक्रांत को 20 साल बाद एसटीएफ की टीम तमिलनाडु से दबोच लाई। इस कुख्यात अपराधी पर उत्तराखंड पुलिस ने 1 लाख रुपये का इनाम घोषित किया हुआ था। एसटीएफ की टीम ने कुशल रणनीति और तकनीक का उपयोग करते हुए उसे गिरफ्तार किया। पुलिस के अनुसार उदय पिछले दो दशकों से फरार था और पहचान बदलकर तमिलनाडु में छिपा हुआ था।
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2004 में हुई थी डकैती…..
वर्ष 2004 में हरिद्वार के इलाहाबाद बैंक में डकैती हुई थी। इस डकैती के दौरान 4 से 5 बदमाश तमंचों के साथ बैंक में घुसे और कर्मचारियों को बंधक बना लिया। उन्होंने कैश स्ट्रांग रूम से 9 लाख 61 हजार रुपये लूटे थे।
इस घटना के बाद पुलिस ने तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिनव कुमार (जो अब उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक हैं) के नेतृत्व में त्वरित कार्रवाई की। उस समय मुख्य आरोपी टीपू यादव को पुलिस ने एक मुठभेड़ में मार गिराया था, जबकि अन्य चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था। इस वारदात में शामिल उदय उर्फ विक्रांत तब से फरार था।
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तकनीक और मैनुअल पुलिसिंग का मेल…..
एसटीएफ की टीम ने इस डकैत को पकड़ने के लिए बेहद सूझबूझ से काम लिया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ नवनीत सिंह के अनुसार, तमिलनाडु के वेल्लोर में उदय के छिपे होने की सूचना मिली थी।
इसके बाद इंस्पेक्टर अबुल कलाम और उपनिरीक्षक विद्या दत्त जोशी के नेतृत्व में टीम ने तमिलनाडु में उसकी तलाश शुरू की। पुलिस ने स्थानीय सुराग और मैनुअल मुखबिर तंत्र का इस्तेमाल करते हुए आखिरकार उदय को पकड़ लिया।
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पुलिस पूछताछ में…..गिरफ्तारी के बाद उदय ने पुलिस को बताया कि हरिद्वार में बैंक डकैती से पहले उसने बिहार के पटना क्षेत्र में एक व्यक्ति का फिरौती के लिए अपहरण किया था। इसके बाद वह हरिद्वार आकर अपने साथियों के साथ इलाहाबाद बैंक में डकैती की योजना बनाई। जब उसका साथी टीपू पुलिस मुठभेड़ में मारा गया, तो वह डर के मारे अपना नाम बदलकर विशाखापट्टनम चला गया। वहाँ उसने फुटपाथ पर कपड़े की ठेली लगाई और बाद में शादी कर ली। पुलिस से बचने के लिए उसने अपनी पहचान पूरी तरह से बदल ली थी।
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एसटीएफ की टीम…..
इस ऑपरेशन में एसटीएफ की टीम के अलावा हरिद्वार पुलिस की भी अहम भूमिका रही। ऑपरेशन में शामिल इंस्पेक्टर अबुल कलाम, उपनिरीक्षक विद्या दत्त जोशी, उपनिरीक्षक यादवेंद्र बाजवा, हे०कानि० संजय कुमार व कांस्टेबल गोविंद बल्लभ व हरिद्वार कोतवाली से उपनिरीक्षक प्रदीप कुमार, कांस्टेबल सुनील व कांस्टेबल राकेश भी शामिल रहे।