आख़िर कहां गायब हो गई 900 ग्राम चरस, कोर्ट ने किया जवाब तलब, धर्मसंकट में पुलिस..
पहले चरस मिली तो महिला तस्कर नहीं, अब तस्कर को पकड़ा तो गायब हो गई चरस, कोर्ट ने मांगी जीडी की नकल..
पंच👊नामा-ब्यूरो
हल्द्वानी: परचून की एक दुकान से कथित तौर पर करीब 900 ग्राम चरस बरामदगी के मामले में कोर्ट ने नाराज़गी जताते हुए पुलिस की जांच पर सवाल उठाए हैं। दरअसल, बीते 28 जून को एक परचून की दुकान से चरस बरामद होने की बात सामने आई थी।
लेकिन महिला तस्कर का कुछ पता नहीं चल पाया था। दुकानदार की ओर से कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज कराया गया। फिर खुद ही खोजबीन करने के बाद आरोपी महिला का सुराग पुलिस को दिया। अब कथित तौर पर चरस गायब हो गई।
कोर्ट ने पुलिस को आदेश दिए हैं कि दुकान से बरामद हुई चरस या फिर जो भी पदार्थ वहां मिला था, उसे कोर्ट में पेश किया जाए। कोर्ट के इस आदेश से पुलिस की जांच पर भी सवालिया निशान लग गए हैं। साथ ही इस प्रकरण में शामिल दारोगा और सिपाही भी धर्म संकट में घिर गए हैं।
बीती 28 जून को हल्द्वानी के कुल्यालपुरा गली नंबर तीन निवासी पूनम देवी की किराना दुकान में एक अंजान महिला थैला छोड़कर चली गई थी। महिला के निकलते ही वहां पुलिस पहुंच गई और दुकान से कथित तौर पर चरस बरामद कर ली। पूरा घटनाक्रम दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया।
बताया गया है कि थैले में 900 ग्राम चरस थी। पूनम की सूचना पर तत्कालीन प्रभारी सीओ हल्द्वानी संगीता ने पहुंचकर जांच शुरू की थी। बीती 23 अगस्त को कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया। तीन महीने से पुलिस दुकान में चरस रखने वाली महिला को तलाश रही थी। मामले की जांच भोटिया पड़ाव चौकी पुलिस के पास थी। इस बीच पीड़ित पक्ष ने खुद ही महिला की जानकारी देने वाले को इनाम देने की बात कहकर प्रयास शुरू किए।
फेसबुक के जरिए अंजान व्यक्ति ने महिला आरोपी के बारे में पीड़ित पक्ष को सूचना दी। पीड़ित ने आरोपी महिला को पकड़कर पुलिस को बुलाया। आखिरकार बीती चार सितंबर को पुलिस ने दुकान में चरस रखने के आरोप में आदर्शनगर मुखानी निवासी खुशी तिवारी उर्फ मंजू तिवारी को पकड़ा।
उसे नारी निकेतन में रखा और बाद में नोटिस देकर छोड़ भी दिया। हालांकि इस बीच बरामद किया गया पदार्थ पुलिस के पास मौजूद नहीं होने की बात सामने आई है। यह मामला अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अखिलेश कुमार पांडे की कोर्ट में है। कोर्ट ने पुलिस की जांच पर तमाम सवाल खड़े कर दिए हैं। कोर्ट ने यह माना है कि पुलिस मामले की जांच ठीक तरह नहीं की। अगली सुनवाई के लिए 29 नवंबर की तारीख लगाई गई है।
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कोर्ट ने यह आदेश दिए…..
:- हल्द्वानी कोतवाली के भारसाधक अधिकारी व जांच अधिकारी को सही और विधिपूर्ण जांच करनी होगी।
:- 28 जून और चार सितंबर को हुई घटना की जनरल डायरी की प्रति कोर्ट में पेश करनी होगी।
:- आरोपी को नारी निकेतन में किसके आदेश से, किस प्रावधान के तहत और कितने दिन रखा गया। इसकी लिखित रिपोर्ट देनी होगी।
:- कथित चरस व अन्य पदार्थ को अगली सुनवाई पर कोर्ट के सामने पुलिस को पेश करना होगा।
28 जून को हुई घटना की सीसीटीवी फुटेज फॉरेंसिक जांच के लिए भेजी गई या नहीं, इसकी रिपोर्ट कोर्ट में देनी होगी।