
- पंच👊नामा-ब्यूरो
देहरादून: प्रदेश के सहकारिता विभाग घोटाले में इतनी गड़बड़ियां क्यों सामने आ रही हैं, इसको लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। लोग विभागीय मंत्री से भी यह जानना चाहते हैं कि किन गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार के पीछे आखिर मामला क्या है।

कुछ चुनिंदा अफसर पर कार्रवाई के बाद 6 महीने बीत जाने के बाद भी एसआईटी उन लोगों तक नहीं पहुंचे जिन्होंने लाखों रुपए लेकर बच्चों का बेवकूफ बनाया है। इस घोटाले में कई उन लोगों के भी नाम है जो मंत्री के नाम पर सेटिंग गेटिंग करते हैं।

तीन जिलों में हुआ था घोटाला…….
प्रदेश में सहकारिता विभाग के तहत तीन जिलों देहरादून, पिथौरागढ़ और ऊधमसिंह नगर में जिला सहकारी बैंकों में हुए भर्ती घोटाले की जांच रिपोर्ट एक साल से एक से दूसरी टेबल पर घूम रही है। जांच रिपोर्ट पर विधि और कार्मिक विभाग की राय भी ली जा चुकी है।
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सामने आ चुकी है गड़बड़ी…….

विभागीय सूत्रों के मुताबिक जांच समिति ने अपनी जो रिपोर्ट शासन को सौंपी है, उसमें बैंक के अध्यक्ष, महाप्रबंधक सहित सहायक निबंधक स्तर तक के अधिकारियों ने बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की है। हाईप्रोफाइल लोगों के इस गड़बड़झाले में शामिल होने की वजह से ही जांच को लगातार लटकाया जा रहा है।

बड़ा सवाल ये है कि सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने इस पूरे गंभीर मसले पर अब तक एक्शन क्यों नहीं लिया है। भाजपा शीर्ष नेतृत्व भ्रष्टाचार को लेकर देश भर में मुखर है फिर भी सहकारिता मंत्री इस भ्रष्टाचार को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं। यह बात हैरान कर देने वाली है। हर कोई सहकारिता मंत्री की तरफ टकटकी लगाए बैठा है कि भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों पर कब चाबुक चलेगा। बता दें कि धन सिंह रावत के विभाग संभालने के बाद ही गड़बड़ियां शुरू हुई। भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस के दावे सहकारिता विभाग के गोलमाल को देखते हुए खोखले साबित नजर आ रहे हैं।