अपराधदेहरादून

पिता की अर्थी पर अधिकार को लेकर भिड़े भाई-बहन, पुलिस ने बहन को सौंपा शव, तब हुआ अंतिम संस्कार..

बेटों पर 90 साल के पिता को घर से निकालने का आरोप, पुलिस ने बहन की शिकायत पर दर्ज किया मुकदमा..

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पंच👊नामा-ब्यूरो
देहरादून: पिता के शव पर अधिकार को लेकर भाई-बहनों के बीच झगड़ा इतना बढ़ गया कि मामला मारपीट, गाली-गलौच और पुलिस कार्रवाई तक जा पहुंचा। गीता लोधी निवासी सुमन विहार बापूग्राम शिक्षा विभाग में कार्यरत हैं। उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि 2013 में उनके भाइयों ने उनके 90 वर्षीय पिता को घर से निकाल दिया था।

फाइल फोटो: बुजुर्ग

तब से उनके पिता गीता के पास ही रह रहे थे। पिता की देखभाल गीता, उनके पति और उनकी बहनें अनीता करती थीं। 14 अक्टूबर 2024 को पिता की तबीयत बिगड़ने पर गीता ने उन्हें हिमालयन अस्पताल, जॉलीग्रांट में भर्ती कराया। इस दौरान सभी बहनें उनके साथ थीं। 21 अक्टूबर को उनके भाई देवेंद्र, उनकी पत्नी सुधा, बेटा अभिषेक, दामाद अमित, छोटा भाई मंशाराम और उसकी पत्नी मधु अस्पताल पहुंचे।

फाइल फोटो: मारपीट

उन्होंने गाली-गलौज की, पिता की दवाओं और एक्सरे के बिल छीनने की कोशिश की। सूचना पर पुलिस पहुंची तो वे फरार हो गए। इलाज के दौरान पिता का निधन हो गया। गीता के अनुसार, उनके पिता की अंतिम इच्छा थी कि उनका अंतिम संस्कार उनकी बेटियों द्वारा किया जाए। पिता की मृत्यु के बाद भाइयों और उनके परिवार ने फिर से गीता के घर पर धावा बोला।

फाइल फोटो: शव

भाइयों और उनके परिजनों ने गीता के घर में घुसकर मारपीट की, घर का गेट तोड़ दिया और बहनों के बच्चों को भी चोट पहुंचाई। पुलिस की मौजूदगी में भी भाइयों ने दबंगई दिखाई। पुलिस ने शव गीता को सौंप दिया और उन्हें पिता के अंतिम संस्कार की अनुमति दी। लेकिन पुलिस के जाते ही, भाइयों और उनके परिवार ने फिर से गीता के घर में घुसकर पिता का शव छीन लिया और जबरदस्ती अंतिम संस्कार कर दिया।

फाइल फोटो: अंतिम संस्कार

गीता ने देहरादून में एसएसपी अजय सिंह से मिलकर इस मामले की शिकायत की। एसएसपी के निर्देश पर कोतवाली पुलिस ने भाइयों, उनकी पत्नियों, बेटों और दामाद के खिलाफ मामला दर्ज किया। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक आरएस खोलिया ने बताया कि गीता का कहना है कि उनके भाइयों ने लंबे समय तक उनके पिता को प्रताड़ित किया।

फाइल फोटो: पुलिस से शिकायत

उनके पिता की अंतिम इच्छा को भी अनदेखा करते हुए भाइयों ने जबरन शव को छीनकर अपनी मनमानी की। गीता और उनकी बहनों का कहना है कि उन्हें न्याय चाहिए और इस मामले में आरोपियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

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