पंच👊नामा ब्यूरो
हरिद्वार: भरण पोषण से जुड़े मामले में सुनवाई करते हुए परिवार न्यायाधीश मनीष मिश्रा ने साल 2010 से 25 हजार रुपये महीने की दर से गुजारा भत्ता देने के आदेश पति को दिए हैं। वहीं, रिक्शा खड़ी करने को लेकर हुए विवाद में प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश सहदेव सिंह ने गैर इरादतन हत्या करने के मामले में तीन सगे भाइयों सहित चार आरोपितों को पांच वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।
पीड़िता के अधिवक्ता दिनेश वर्मा ने बताया कि ज्वालापुर निवासी नूर फातिमा ने अपने पति गुलफाम निवासी किला मंगलौर के विरुद्ध भरण पोषण के लिए 25 मार्च 2010 को मुकदमा दायर किया था। 18 नवंबर 2021 को फैसला सुनाते हुए परिवार न्यायाधीश मनीष मिश्रा ने गुलफाम निवासी मोहल्ला किला मंगलौर को मुकदमा दायर करने की तारीख 25 मार्च 2010 से 25 नवंबर 2021 तक हर महीने 25 हजार रुपये की दर से पत्नी व बच्चों को देने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने कहा है कि एक माह के अंदर धनराशि दी जाए। साथ ही पति को हर महीने 25 हजार रुपये अपनी पत्नी व बच्चे के लिए देने होंगे। पीड़िता नूर फातिमा के अधिवक्ता दिनेश वर्मा ने बताया कि कोर्ट के निर्णय के अनुसार गुलफाम को 2010 से अभी तक कुल 35 लाख रुपए पीड़िता को देने होंगे। दूसरी तरफ मंगलौर क्षेत्र में 18 जुलाई 2012 को अरविंद की लाठी-डंडों से पीटकर गंभीर चोट पहुंचाने के मामले में विक्रम, पीतांबर व सूरजमल पुत्रगण नकली राम और पाल सिंह निवासीगण मोहल्ला खालसा कोतवाली मंगलौर को नामजद करते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इलाज के दौरान अरविंद की मृत्यु होने पर चारों आरोपियों के विरुद्ध धारा 304 आईपीसी के अंतर्गत आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया था। घटना की गंभीरता को देखते हुए चारों आरोपियों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है।
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