हरिद्वार

“चिकित्सक ने अधिवक्ता पर लगाए गंभीर आरोप, प्रेस वार्ता कर पुलिस प्रशासन से इंसाफ की गुहार..

पंच👊नामा
रुड़की: रायवाला के गौहरी माफी निवासी डॉक्टर प्रवीण प्रकाश ने अधिवक्ता संजीव वर्मा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका दावा है कि अधिवक्ता ने न केवल उनसे 10 लाख रुपये हड़प लिए, बल्कि तीन महीने तक उन्हें जबरन अपने घर में भी रखा और मानसिक यातनाएं दीं। चिकित्सक ने इस मामले में फरवरी 2024 में मुकदमा भी दर्ज कराया था, लेकिन 16 महीने बीतने के बाद भी पुलिस ने चार्जशीट दाखिल नहीं की है।दिल्ली रोड स्थित एक कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए डॉक्टर प्रवीण प्रकाश ने बताया कि वे पूर्व में दिल्ली स्थित अपोलो अस्पताल में 15 वर्षों तक सेवाएं दे चुके हैं और फिलहाल रायवाला में एक रिसर्च स्टेशन संचालित कर रहे हैं।डॉक्टर के अनुसार, गांव की जमीन को लेकर उनके पारिवारिक विवाद की जानकारी मिलने पर अधिवक्ता संजीव वर्मा ने उनसे संपर्क किया और केस में मदद करने का प्रस्ताव दिया। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जमीन विवाद के चलते उन्हें खतरा हो सकता है, इसलिए कुछ समय उनके घर पर रहें।लेकिन, डॉक्टर का दावा है कि इसके बाद अधिवक्ता ने उन्हें उनकी इच्छा के विरुद्ध तीन महीने तक जबरन अपने घर पर रखा और नैनीताल व लखनऊ भी साथ ले गए। इस दौरान उनसे 10 लाख रुपये भी लिए गए और इस लेन-देन की नोटरी कराई गई। डॉक्टर का आरोप है कि बाद में अधिवक्ता ने उन्हें अपने घर से निकाल दिया और गाड़ी की चाबी, चेक बुक समेत कई जरूरी सामान भी अपने पास रख लिए।चिकित्सक ने बताया कि उन्होंने यह मामला फरवरी 2024 में दर्ज करवाया था, लेकिन आज तक पुलिस की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने बताया कि इस घटनाक्रम के बाद वह आर्थिक संकट में आ गए और जीवन यापन के लिए शिवालिकनगर में चौकीदार की नौकरी तक करनी पड़ी।अधिवक्ता संजीव वर्मा ने आरोपों को बताया बेबुनियाद…..
वहीं, इस मामले में अधिवक्ता संजीव वर्मा ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उनका कहना है कि डॉक्टर से उनकी पहली मुलाकात रायवाला थाने में हुई थी, जहां वह परेशान नजर आए। मानवता के नाते उन्होंने उन्हें अपने घर पर आश्रय दिया। उन्होंने बताया कि डॉक्टर जब तक उनके घर पर रहे, पूरी तरह स्वतंत्र थे और किसी भी प्रकार की बंदिश नहीं थी। “बंधक बनाने जैसा कोई मामला नहीं था। वह रोज़ बाहर आते-जाते थे, ये बात क्षेत्र के कई लोगों को भी पता है। “अधिवक्ता ने कहा कि यह मामला अब न्यायालय में विचाराधीन है और उन्हें पूरा विश्वास है कि अदालत में सच्चाई सामने आएगी।

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