मंगलौर में प्लॉटिंग के लिए हलाल कर दी हरियाली, तमाशबीन बने अफसर..
माफिया और विभाग की मिलीभगत की चर्चाएं जोरों पर, पुलिस पर भी सवाल..
पंच👊नामा-मंगलौर: हरे पेड़ो को बचाने की शपत लेने वालो के संरक्षण में ही हरे पेड़ो पर आरी चलाई जा रही है, वन-माफियाओं और विभागीय अधिकारियों की जुगलबंदी से पर्यावरण को चुनौती दी जा रही है और दोनो हाथों से माल बटोरा जा रहा है।
आलम ये है कि रातों-रात हरा भरा बाग ऐसे गायब कर दिया जाता है जैसे गधे के सिर से सींग, इस गोरखधंधे में निचले स्तर से लेकर बड़े पैमाने तक सांठगांठ का खेल अब आम हो चला है। हरे-भरे पेड़ो से लतपथ बाग कब कॉलोनी में तब्दील नजर आने लगता है ये आम आदमी समझ ही नही पाता। ये खेल मंगलौर क्षेत्र में खूब धड़ल्ले पर चल रहा है।
चंद दिनों में ही आम के बागों की प्लॉटिंग कर कालोनियों में तब्दील कर दिया गया, एक आध मामले में जांच की सुगबुगाहट हुई लेकिन वो भी ऊंठ के मुँह में जीरा साबित हुई।
ताजा मामला तीन दर्जन से ज्यादा आम के हरे पेड़ो के कटान का है। जहा रातों रात वन तस्करों ने सांठगांठ कर पेड़ो को ठिकाने लगा दिया।
सूत्र बताते है कि विभागीय अधिकारियों की शय पर पेड़ काटे गए और हिस्सा आपस मे तब्दील कर लिया गया। बड़ी बात ये रही कि इस खेल में परमिशन तक कि आड़ नही ली गई।
सुबह जब लोगो ने पेड़ो को गायब देखा और पत्तो को जमीन पर बिखरा देखा तो समझ आया कि रातों-रात हरे भरे बाग को उजाड़ दिया गया।
मंगलौर के क्षेत्रीय अधिकारियों पर उठे सवालिया निशान की बू उच्चाधिकारियों तक भी जाने लगी है। वही हर मोर्चे पर मुस्तैदी दिखाने वाली मित्र पुलिस भी इन भू-माफियाओं और वन-माफियाओं तक पहुँचने में नाकाम साबित हो रही है। साथ ही सवालों के घेरे में भी बढ़ रही है।