हरिद्वार

इंदिरा गांधी ने भी बाहर से लगाई थी हाजिरी, फिर भाजपा नेता के लिए क्यों खोली गई दरगाह, अक़ीदतमंदों में नाराज़गी..

कई मुस्लिम और सूफी संगठनों ने उठाई कार्रवाई और माफी की मांग, आने वाले दिनों में और तूल पकड़ेगा मामला..

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पंच👊नामा
पिरान कलियर: नियम कायदे और हकीकत को किनारे रख कर भाजपा नेता सैयद शाहनवाज हुसैन के लिए दरगाह साबिर पाक खोलने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। पूरे मामले को लेकर दरगाह प्रबंधन की कार्यशाली भी एक बार फिर कटघरे में आ गई है।

फाइल फोटो

सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं कि पिरान कलियर दरगाह में वीआईपी और वीवीआईपी का आना कोई नई बात नहीं है। एक बार दरगाह मामूर होने के बाद देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के लिए भी दरबार के दरवाजे नहीं खोले गए थे।

फाइल फोटो: पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी

इंदिरा को भी दरगाह के बाहर से ही हाजिरी लगानी पड़ी थी। इसलिए सवाल यह है कि ऐसी कौन भारी भरकम दबाव या स्वार्थ था, जो दरगाह मामूर होने के बाद भाजपा नेता के लिए आनन फानन में दरवाजे खोल दिए गए।

वायरल वीडियो का स्क्रीन शॉट..

अक़ीदत के खिलवाड़ से जुड़े इस मामले को लेकर दरगाह साबिर पाक से जुड़े तमाम अक़ीदतमंदों में नाराजगी है। मामला भाजपा नेता और चुनावी सरगर्मियों के बीच सामने आने के चलते इस मामले को लेकर राजनीति भी गहरा सकती है।
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यह था पूरा मामला……

वायरल वीडियो का स्क्रीन शॉट..

रविवार को भारतीय जनता पार्टी के पूर्व केंद्रीय मंत्री सैय्यद शाहनवाज हुसैन पिरान कलियर पहुंचे थे, जिनके साथ उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के चेयरमैन शादाब शम्स, हज कमेटी चेयरमैन खतीब आलम, पूर्व विधायक देशराज कर्णवाल, भाजपा नेता बेहरोज आलम समेत अन्य पार्टी कार्यकर्ता मौजूद थे।

वायरल वीडियो का स्क्रीन शॉट..

बताया जा रहा है कि दरगाह मामूर होने के बाद किसी कर्मचारी ने दरगाह का ताला खोलकर इन्हें जियारत कराई, जिसपर सज्जादा परिवार और अकीदतमंदों ने जमकर हंगामा काटा। इस मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अन्य अकीदतमंदों ने भी इस प्रकरण की मजम्मत करते हुए भाजपा नेताओं से मांगी मांगने की मांग की।
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मुस्लिम संगठनों ने उठाई माफी की मांग……

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राष्ट्रीय सूफीसंत फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नौशाद अली ने बयान जारी करते हुए कहा कि पार्टी विशेष नेताओ के लिए दरगाह के नियम तोड़कर हाजिरी कराने पर सूफी परम्पराओं को मानने वाले लोगों में रोष है, ऐसे लोगो पर कार्रवाई होनी चाहिए, साथ ही सूफी परम्पराओं के मानने वाले लोगों को दरगाह में जिम्मेदारी दी जानी चाहिए।

फाइल फोटो: नौशाद अली (राष्ट्रीय अध्यक्ष RSF)

नौशाद अली ने कहा कि आस्था के साथ खिलवाड़ करने वाले भाजपा नेताओं को माफी मांगनी होगी। वहीं, मुस्लिम सेवा संगठन के जिलाध्यक्ष अथर अंसारी ने कहा कि दरगाह खोलकर जियारत कराना अकीदतमंदों की अकीदत से खिलवाड़ है।

फाइल फोटो: मुस्लिम सेवा संगठन के जिलाध्यक्ष अथर अंसारी

राष्ट्रीय नेता सहित वक्फ बोर्ड अध्यक्ष व दरगाह प्रबंधन को माफी मांगनी चाहिए। ऐसा ना करने पर मुस्लिम सेवा संगठन बड़ा आंदोलन करेगा। वही सूफी सिलसिलों के सज्जादानशीनो ने भी इस मामले की मज्जत करते हुए इसे दरगाह की बेअदबी बताया।

वायरल वीडियो का स्क्रीन शॉट..

इसी तरह दरगाह शाह मुकम्मल मियां मुरादाबाद के सज्जादानशीन सिबली मियां, शाह मेहताब आलम सज्जादानशीन दरगाह अब्दुल कुद्दुस रह. गंगोह शरीफ, अली नईम चिश्ती दरगाह सुल्तान साहब के सज्जादानशीन आदि ने बताया कि दरगाह में हाजिरी करने के लिए वक़्त मुक़र्रर है, बेवक़्त दरगाह में हाजिरी करना ये अदब के खिलाफ है, इस मामले की वह मजम्मत करते है।
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इन राष्ट्रीय नेताओ को करनी पड़ी बाहर से हाजिरी…..

फाइल फोटो

देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी जब दरगाह साबिर पहुँची थी, तब दरगाह मामूर (बंद) हो चुकी थी। तब तत्कालीन सज्जादानशीन शाह एजाज अहमद ने बाहर से ही इंदिरा गांधी को हाजिरी कराई थी, इसके अलावा देश के पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह देर रात दरगाह शरीफ पहुँचे थे, तब तत्कालीन सज्जादानशीन शाह मंसूर एजाज ने उन्हें भी बाहर से ही हाजिरी कराई थी।

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पिछले कुछ सालों पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत दरगाह बंद होने पर पिरान कलियर पहुँचे थे, जिन्हें भी बाहर से ही हाजिरी कराई गई थी। ऐसे अनेकों मामले है जब वीआईपी वीवीआईपी दरगाह में हाजिरी की तलब लेकर पहुँचे और दरगाह बंद मिली तो उन सबने बाहर से ही हाजिरी की, और दरगाह के नियमों को फॉलो किया।

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