
पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: जमानत पर रिहा होते ही खुद को विधायक प्रतिनिधि बताकर तामझाम के साथ गुंडागर्दी दिखाना कान्हापुर निवासी अनीस को भारी पड़ गया। 13 महीने बाद जेल से छूटकर अनीस ने 40-50 समर्थकों के साथ सड़क पर रैली निकाली, गाड़ी पर हूटर और बोर्ड लगाकर आम लोगों से अभद्रता की।
जैसे ही मामला पुलिस तक पहुंचा, गंगनहर पुलिस ने तत्काल एक्शन लेते हुए आरोपी अनीस के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। फिलहाल आरोपी फरार है और गिरफ्तारी से बचता फिर रहा है।
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प्रदीप बत्रा के करीबी के तौर पर बताता था पहचान, रसूख दिखाने की थी मंशा….सूत्रों के अनुसार आरोपी अनीस खुद को रुड़की विधायक प्रदीप बत्रा का समर्थक बताता है और अपनी गाड़ी पर “विधायक प्रतिनिधि” का बोर्ड लगाकर यही दर्शाने का प्रयास करता रहा है कि उसे राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। पुलिस इस पहलू की भी जांच कर रही है कि क्या अनीस को किसी स्तर पर राजनीतिक समर्थन मिला था या यह केवल दिखावे की कोशिश थी।
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विधायक प्रतिनिधि की आड़ में सड़क पर सत्ता का दिखाया दम, वीडियो वायरल….अनीस पुत्र यामीन, निवासी ग्राम कान्हापुर, कोतवाली रुड़की, हाल ही में जमानत पर रिहा हुआ था। पुलिस के मुताबिक 20 जून को उसने समर्थकों के साथ मिलकर हाईकोर्ट के निर्देशों की धज्जियां उड़ाते हुए गाड़ी पर हूटर और बोर्ड लगाकर शो ऑफ किया। आम लोगों से दुर्व्यवहार करते हुए सड़क पर रैली निकाली, जिसका वीडियो वायरल हो गया।
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गंगनहर पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा, वाहनों में लगे हूटर भी जांच के घेरे में….एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल के आदेश पर गंगनहर कोतवाली प्रभारी आरके सकलानी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अनीस के खिलाफ मु.अ.सं. 190/192/188 BNS के तहत मुकदमा दर्ज किया।
पुलिस अब अनीस की गिरफ्तारी के प्रयासों में जुटी है, जबकि उसके वाहनों में लगे हूटर और रैली में शामिल अन्य समर्थकों की भूमिका की भी जांच हो रही है। अनीस का आपराधिक रिकॉर्ड भी कम नहीं
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पिछले मुकदमों की फेहरिस्त लंबी, जेल से छूटने में लगे थे 13 महीने…..1:- 330/2015, धारा 225(b), 332, 353, 279, 504, 323 IPC – कोतवाली रुड़की
2:- 382/2022, धारा 420, 467, 468, 120B IPC – कोतवाली रुड़की
3:- 286/2024, धारा 147, 148, 307, 325, 341, 504, 506 IPC – कोतवाली रुड़की
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चाटुकारों की बोलती बंद, रसूख के दम पर कानून की अनदेखी नहीं….रिहाई के बाद अनीस को कुछ चाटुकारों ने सिर पर बैठा लिया, लेकिन पुलिस की कार्रवाई ने रसूख की राजनीति पर सीधी चोट की है। अब उसकी कथित राजनीतिक पहुंच और उसकी वास्तविक स्थिति दोनों की परतें खुलने लगी हैं।