उत्तराखंड

केंद्रीय पुरुस्कारों में उत्तराखंड पुलिस का जलवा, एडीजी एपी अंशुमान और देहरादून के पुलिस कप्तान अजय सिंह को मिलेगा मेडल..

आईजी रिद्धिम अग्रवाल और पौड़ी एसएसपी श्वेता चौबे ने भी बढ़ाया मान, पुलिस अफसरों को राष्ट्रपति के हाथों मिलेगा सम्मान..

पंच👊नामा-ब्यूरो
देहरादून: पुलिस में बेहतरीन सेवा के लिए गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिए जाने वाले केंद्रीय पुरस्कारों में उत्तराखंड पुलिस के होनहार अधिकारियों ने अपना लोहा मनवाया है।

फाइल फोटो

प्रदेश की एडीजी लॉ एंड ऑर्डर एपी अंशुमन और देहरादून के पुलिस कप्तान अजय सिंह का चयन पुलिस सेवा पुरस्कार के लिए किया गया है। दोनों अधिकारियों को उनकी विशेष कार्यशैली के लिए इस सम्मान से नवाज़ा जाएगा।

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प्रदेश की महिला पुलिस अधिकारियों ने भी एक बार फिर खुद को साबित करते हुए पुरस्कारों की सूची में जगह बनाई है। एसडीआरएफ की आईजी रिद्धिम अग्रवाल और पौड़ी गढ़वाल की एसएसपी श्वेता चौबे को 20 साल पुलिस सेवा पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।

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इनके अलावा उत्तराखंड पुलिस के एएसआई सुरजीत सिंह और हैड कांस्टेबल लक्ष्मण को भी सम्मान के लिए चयनित किया गया है। इन सभी पुलिस अधिकारियों को गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों मेडल से नवाजा जाएगा। पुरस्कारों की सूची में उत्तराखंड से 6 पुलिस अधिकारियों का नाम आना अपने आप में बड़ी उपलब्धि है।

फाइल फोटो: पुष्कर सिंह धामी (मुख्यमंत्री उत्तराखंड)

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी चयनित पुलिस अधिकारियों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए इसे उत्तराखंड के लिए गौरवपूर्ण उपलब्धि बताया है।
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फाइल फोटो: अजय सिंह (पुलिस कप्तान देहरादून)

अजय सिंह ने डायनेमिक कार्यशाली से बनाई विशेष पहचान
राजधानी के एसएसपी अजय सिंह ने अपनी डायनेमिक कार्यशैली से प्रदेश ही नहीं, देश में नाम कमाया है। हरिद्वार के एसएसपी रहते उन्होंने नशे के बड़े सौदागरों की नाक में नकेल डालने का काम किया।

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लोक सेवा आयोग के बहुचर्चित भर्ती घोटाले के मास्टरमाइंड समेत आरोपियों को उनकी उचित जगह यानी जेल की सलाखों के पीछे भेजने का काम भी किया। गौ तस्करी करने वालों को सबक सिखाते हुए मुठभेड़ में मुकाबला करने पर गोली से जवाब दिया।

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समाज के सहयोग से नशे की बुराई को खत्म करने के लिए साप्ताहिक चौपाल कार्यक्रम के तहत पुलिस और जनता का सीधा संवाद कायम कराया। कावड़ मेले के दौरान पहले दिन से आदर्श टीम लीडर के तौर पर सड़क पर उतरकर अधीनस्थों का हौसला बढ़ाया और मेला सकुशल संपन्न कराया।

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प्रदेश की मेडल लिस्ट से हरिद्वार और देहरादून गायब……
केंद्रीय पुरस्कारों की लिस्ट में उत्तराखंड के अलग-अलग जिलों के पुलिस अधिकारियों ने जगह बनाकर दबदबा कायम किया है। लेकिन प्रदेश स्तर पर दिए जाने वाले पुरस्कारों में दो महत्वपूर्ण जिलों का प्रतिनिधित्व शून्य है।

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इसको लेकर भी सवाल और चर्चाओं का दौर जारी है। सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं कि पिछले एक साल के भीतर देहरादून और हरिद्वार जिले में पुलिस ने कई बड़े खुलासे किए हैं।

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बल्कि मुख्यमंत्री के महत्वकांक्षी “ड्रग्स फ्री देवभूमि अभियान” के तहत भी सबसे ज्यादा कार्रवाई इन्हीं दोनों जिलों में हुई है।अन्य अभियानों में भी हरिद्वार और देहरादून ने अपना सिक्का मनवाया है। इसके बावजूद मेडल के लिए देहरादून और हरिद्वार के एक भी पुलिस अधिकारी या कर्मचारी का नाम सूची में ना होना कई तरह की चर्चाओं व आशंकाओं को जन्म दे रहा है।

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