धर्म संसद मामले में वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र त्यागी दोषमुक्त, कोर्ट ने साक्ष्यों के अभाव में सुनाया फैसला..
क्या सजा दिलाने के लिए पुलिस नहीं जुटा पाई पर्याप्त सुबूत, उठ रहे सवाल..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: धर्म संसद में भड़काऊ भाषण देने के मामले में पूर्व शिया वक्फ बोर्ड अध्यक्ष वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी को बड़ी राहत मिली है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अविनाश कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने उन्हें संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त करार दिया है।
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क्या था मामला…?वर्ष 2021 में 17 से 19 दिसंबर के बीच हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद कार्यक्रम के दौरान वसीम रिजवी पर कथित तौर पर आपत्तिजनक और भड़काऊ टिप्पणियां करने का आरोप लगाया गया था। इस मामले को लेकर धार्मिक भावनाएं भड़काने से संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था।
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जांच और कार्रवाई…..पुलिस ने विवेचना के बाद दो जनवरी 2022 को वसीम रिजवी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। लंबे समय तक न्यायिक प्रक्रिया में रहने के बाद उन्हें जमानत मिली थी। मुकदमे की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने 10 गवाहों को न्यायालय में प्रस्तुत किया।
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कोर्ट का फैसला…दोनों पक्षों की दलीलों और साक्ष्यों की जांच के बाद अदालत ने यह माना कि अभियोजन द्वारा प्रस्तुत किए गए साक्ष्य इतने मजबूत नहीं हैं कि आरोपी को दोषी ठहराया जा सके। ऐसे में न्यायालय ने “संदेह का लाभ” देते हुए वसीम रिजवी को दोषमुक्त कर दिया।
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राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया…..इस फैसले को लेकर विभिन्न समुदायों में मिली-जुली प्रतिक्रिया देखी जा रही है। कुछ लोगों ने न्यायिक प्रक्रिया में भरोसा जताया है, तो कुछ वर्गों में असंतोष भी नजर आ रहा है। साक्ष्य के अभाव में दोष मुक्त करने को लेकर यह भी माना जा रहा है कि पुलिस की ओर से जितेंद्र त्यागी के खिलाफ ठोस सबूत नहीं जुटाए गए। जो सुबूत पुलिस ने जुटाए, वह अदालत में टिक नहीं पाए।