फर्जी पत्रकारों के गैंग में फूट, वसूली के बंटवारे पर बिगड़ी बात, कई सदस्यों ने खींचे हाथ..
पंचनामा की मुहिम ने किया मैग्नेट का काम, लोहे की तरह चिपक गए फर्जी पत्रकार..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: गौकशी के आरोपी को छुड़ाने के नाम पर पहले 10 हजार की वसूली और फिर पोल खुलने पर ग्रामीण के पैर पकड़कर रकम लौटाने वाले फर्जी पत्रकारों के गैंग में फूट की खबरें आ रही हैं।

ऐसा बताया जा रहा है कि वसूली से हासिल होने वाली रकम के बंटवारे को लेकर बात बिगड़ गए और कई सदस्यों ने गैंग से हाथ खींच लिए।

कुछ दिन पूर्व गैंग छोड़ने वाले एक सदस्य ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कई मामलों में आका ने उनके साथ धोखा किया। वह पहले खुद वसूली कर लाया और फिर गैंग के बाकी सदस्यों को भेज दिया।

इसके बाद सदस्य जब वसूली कर लौटे तो उनकी रकम से भी आधा हिस्सा हड़प लिया। यह बात कई सदस्यों को नागवार गुजरी। शुरुआत में सदस्यों ने लिहाज के कारण विरोध नहीं किया, लेकिन आका लगभग हर कांड में डग्गामारी करने लगा।

तब उन्होंने इस पर एतराज जताया। इस पर गैंग के सरगना का कहना था कि वह संगठन के माध्यम से उन्हें संरक्षण देता है, इसलिए उसका ज्यादा हिस्सा बनता है। कई सदस्यों ने अपने हिस्से की रकम बांटने से इंकार कर दिया और गैंग को अलविदा कह दिया।
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“आका अब कैसे डालेगा डाका……

हाल ही में गैंग छोड़ने वाले एक सदस्य ने हालांकि यह दावा किया कि वह कुछ महीने पहले गिरोह से नाता तोड़ चुका है। मगर इसके पास गिरोह की हर गतिविधियों का पूरा काला चिट्ठा मौजूद है। पता चला है कि वसूली की पोल खुलने से अब गैंग को देहात में पिटने का डर भी सताने लगा है।

कई सदस्यों के गैंग छोड़ने का यह भी एक कारण बताया जा रहा है। गैंग लीडर सारे सदस्यों के साथ मिलकर वसूली की पटकथा लिखता था। धीरे-धीरे सदस्य लीडर से किनारा कर रहे हैं। ऐसे में सवाल यह है कि आका अब कैसे डाका डालेगा।
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“पंचनामा की मुहिम ने किया मैग्नेट का काम……
सभी पाठक इस बात से वाकिफ है कि वसूली कांड उजागर करने से लेकर अभी तक हमने किसी फर्जी पत्रकार का नाम प्रचारित नहीं किया है। लेकिन गैंग में ढोंग करते हुए और फर्जी खबरें प्रकाशित कर खुद पुष्टि कर दी कि इसी गैंग ने वसूली की थी। इस प्रकार पंचनामा की मुहिम में मैग्नेट का काम किया है। जैसे इधर-उधर बिखरा लोहा खुद मैग्नेट से चिपक जाता है, उसी प्रकार वसूली कांड उजागर होने पर प्रकरण में शामिल रहे फर्जी पत्रकार भी मुहिम से आकर भिड़ गए।
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“अगली किश्त में जल्द पढ़ें: गैंग के अंदर की कहानी, एक पूर्व सदस्य की जुबानी।