तानाशाही: पुलिस के सरंक्षण में “दबंगों ने रिटायर्ड फौजी के घर पर चलाया बुल्डोजर..
"यूपी और एमपी" के बाद उत्तराखंड भी पहुंचा बुल्डोजर का जिन्न..

लपंच👊नामा
रुड़की: उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बाद बुल्डोजर का जिन्न आखिरकार उत्तराखंड में शिक्षानगरी रुड़की तक आ पहुंचा। लेकिन यहां बुल्डोजर सरकार की शह पर नहीं, बल्कि पुलिस के सरंक्षण में चला है। रुड़की के नगला इमरती गांव में पुलिस ने कोर्ट या शासन-प्रशासन के किसी आदेश के बिना ही रिटायर्ड फौजी के घर पर बुल्डोजर चलवा दिया। छत के नीचे रहने वाला एक परिवार पल भर में ही खुले आसमान के नीचे आ गया। ये आरोप है उस पीड़ित परिवार के जिसका मकान पलभर में बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया। पीड़ित फौजी ने साफ कहा कि पुलिस ने मौजूद रहकर दबंगों का बुल्डोजर चलवाया है। इस घटना को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। फिलहाल पीड़ित परिवार ने प्रशासनिक अधिकारियों से इंसाफ की गुहार लगाई हैं।
रुड़की से करीब 6 किलोमीटर दूर बसा नगला इमरती गांव की नन्दा कालोनी में एक रिटायर्ड फौजी राजबीर करीब 20 साल से अपने परिवार के साथ रहता चला आरहा है। अब रिटायर्ड फौजी के मकान पर कुछ लोगो ने बुलडोजर चला दिया। जिससे फौजी का मकान पूरी तरह से ध्वस्त हो गया। फौजी का आरोप है कि रुड़की निवासी डॉ अजय जैन ने दबंगईयो के साथ पुलिस से मिलकर उनके मकान पर बुलडोजर चला दिया। पीड़ित फौजी ने बताया ये मकान उनका है और कुछ लोग इस पर कब्जा करना चाहते है। उन्होंने बताया बुलडोजर चलाने से पहले उन्हें कोई नोटिस या जानकारी नहीं दी गई, बल्कि उनकी गैर मौजूदगी में मकान को ढा दिया गया। मकान में रखा सारा सामान उसमे दब गया। वहीं, जब इस बाबत क्षेत्रीय पुलिस से जनाकारी लेनी चाही तो उन्होंने इस मामले से नभिज्ञता जताते हुए दूसरे पक्ष से मुलाकात करा दी, थाने में मौजूद बुलडोजर चलाने वाले पक्ष का साफ कहना है कि वह बिना एडवोकेट की सलाह के मीडिया को बयान नही देंगे। हालांकि उन्होंने उक्त मकान पर अपना मालिकाना हक बताया, जब बिना कैमरा उनसे बात की गई तो उन्होंने बताया मकान उनका है और कब्जाधारी मकाम खाली नही कर रहा था इसलिए उन्होंने मकान पर जेसीबी चलवा दी।
इस बाबत रुड़की तहसीलदार चंद्रशेखर वशिष्ट ने बताया कि मामले की शिकायत उन्हें मिली है, लेखपाल को मौका मुआयना कर जांच करने के निर्देश दिए गए है। उन्होंने बताया मकान को ध्वस्त करने से सम्बंधित उनको कोई जानकारी नही दी गई है। यदि नियम विरुद्ध कार्य किया गया है तो उचित कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। बहरहाल मकान का असली मालिक कौन है कब्जाधारी कौन है, मकान पर हक़ किसका है ये सब जांच का विषय है लेकिन बिना किसी आदेश और बिना प्रशासनिक अफसर के मकान पर बुलडोजर चलाना अपने आप मे कई सवाल खड़े कर रहा है।