“जीआरपी कप्तान तृप्ति भट्ट की सख्त मॉनिटरिंग, क्राइम मीटिंग में कसे पेंच, खोए हुए मोबाइल फोन लौटाकर पीड़ितों को दी राहत..
"जीआरपी पुलिस मुख्यालय में हुई मीटिंग में कांवड़ मेले को लेकर दिए सतर्कता बढ़ाने के निर्देश, मोबाइल मिलने पर लोग बोले, थैंक्यू जीआरपी..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: रेलवे यात्रियों की सुरक्षा को लेकर जीआरपी उत्तराखंड एक्शन मोड में है। एसपी जीआरपी तृप्ति भट्ट की अगुवाई में हुई मासिक क्राइम मीटिंग में जहां पुलिस अधिकारियों को प्रोएक्टिव पुलिसिंग के निर्देश दिए गए,
वहीं दूसरी ओर खोए मोबाइलों की बरामदगी कर जनता को राहत देने वाले अधिकारियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
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मासिक क्राइम मीटिंग में कप्तान तृप्ति भट्ट का सख्त संदेश’…..जीआरपी मुख्यालय में आयोजित अपराध समीक्षा बैठक में एसपी तृप्ति भट्ट ने थाना प्रभारियों और शाखा प्रमुखों को स्पष्ट संदेश दिया – ‘कोई भी असामाजिक तत्व छूटना नहीं चाहिए, एक-एक कर जेल जाना चाहिए।’ बैठक में आगामी कांवड़ मेला, महिला सुरक्षा और सत्यापन जैसे अहम विषयों पर जोर दिया गया।
शनिवार को हुई इस बैठक में मई महीने के अपराध ग्राफ की समीक्षा की गई। पुलिसकर्मियों से उनके व्यक्तिगत और विभागीय मुद्दे भी पूछे गए। पुलिस अधीक्षक ने अधीनस्थों को iGOT Karmayogi ऐप के माध्यम से नए कानूनों की जानकारी लेने को भी प्रेरित किया।
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20 अधिकारी-कर्मचारी सम्मानित, मैन ऑफ द मंथ बने हेड कांस्टेबल देवेंद्रमाह मई के दौरान बेहतर कार्य करने वाले 20 पुलिसकर्मियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इनमें जीआरपी अभिसूचना इकाई के हेड कांस्टेबल देवेंद्र सिंह को ‘मैन ऑफ द मंथ’ घोषित किया गया।
————————————–बैठक में एसपी तृप्ति भट्ट ने साफ निर्देश दिए कि‘चेकिंग में ढिलाई नहीं चलेगी, सत्यापन प्राथमिकता में रहे’ कांवड़ मेला आने वाला है, ज़हरखुरानी जैसे मामलों की आशंका बनी हुई है।
चेकिंग के नाम पर शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हर थाने में सत्यापन पर विशेष ध्यान दिया जाए। महिला सुरक्षा, रिकवरी प्रतिशत बढ़ाने, पुराने अपराधियों की निगरानी, और शिकायतों की ठोस निस्तारण पर जोर दिया।
सीएम हेल्पलाइन से आई शिकायतों को केवल फॉर्मेलिटी न मानें, उनका लॉजिकल एंडिंग सुनिश्चित करें। स्टेशनों पर चौकसी और फील्ड वर्क अनिवार्य है। ट्रेनों, रेलवे ट्रैकों, और स्टेशन परिसरों की सघन चेकिंग की जाए।
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अनावश्यक रूप से घूमने वालों को रोका जाए….महिला हेल्प डेस्क सक्रिय हो और सादा वर्दी में महिला पुलिस की ड्यूटी लगाई जाए।
लंबित विवेचनाओं को प्राथमिकता से निस्तारित करें।
बैठक में मौजूद अधिकारी….अपर पुलिस अधीक्षक अरुणा भारती, सभी थाना-चौकी प्रभारी, महिला हेल्प डेस्क प्रभारी व अन्य शाखा प्रमुख बैठक में शामिल रहे।
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22 लाख के खोए मोबाइल लौटाकर जीआरपी ने बटोरी सराहना, 250 फोन पांच महीने में बरामद…..बरसात के इस मौसम में जहां आम आदमी अक्सर मोबाइल गुम हो जाने की परेशानी झेलता है, वहीं जीआरपी पुलिस ने तृप्ति भट्ट के नेतृत्व में सैकड़ों लोगों के चेहरे पर मुस्कान ला दी है।
शनिवार को जीआरपी मुख्यालय हरिद्वार में आयोजित एक कार्यक्रम में एसपी तृप्ति भट्ट ने 135 लोगों को उनके खोए मोबाइल लौटाए। इन मोबाइलों की अनुमानित कीमत करीब 22 लाख रुपये है।
इससे पहले फरवरी में भी जीआरपी द्वारा 18 लाख रुपये कीमत के 115 मोबाइल फोन उनके असली मालिकों को सौंपे जा चुके हैं।
पांच महीने की अवधि में अब तक कुल 250 मोबाइल, जिनकी कीमत लगभग 40 लाख रुपये आंकी गई है, जीआरपी ने बरामद कर लौटाए हैं।
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टीम वर्क और तकनीकी संसाधनों का बेहतर उपयोग….उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, बिहार, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, ओडिशा सहित कई राज्यों से मोबाइलों की बरामदगी की गई। जीआरपी एसओजी टीम ने सर्विलांस, सीईआईआर पोर्टल और मैन्युअल जांच के जरिए यह सफलता हासिल की।
खुश हुए मोबाइल मालिक, बोले – ‘अब भरोसा बढ़ा है पुलिस पर’….
अपने खोए मोबाइल वापस पाकर लोग गदगद दिखे। कई लोगों ने कहा कि उन्होंने उम्मीद छोड़ दी थी, लेकिन जब फोन लौटे तो उन्हें यकीन हो गया कि पुलिस चाहे तो कुछ भी कर सकती है।
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पुलिस टीम जिनकी मेहनत लाई रंग…..अशोक कुमार – प्रभारी SOG व SHO जीआरपी देहरादून
अनुज सिंह – SO जीआरपी हरिद्वार
नरेश कोहली– SO जीआरपी काठगोदाम
संजय शर्मा– SO जीआरपी लक्सर, एचसी अरविंद रावत, अमित शर्मा, करुणेश कुमार, मनोज सिंह, दीपक चौधरी, विनीत चौहान, कॉन्स्टेबल जाहुल मिर्जा – जीआरपी हरिद्वार