“कांवड़ मेला 2025: श्रद्धा, सुरक्षा और समन्वय का संगम — हरिद्वार और यूपी पुलिस की बॉर्डर मीटिंग में बनी साझा रणनीति..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: श्रावण मास में होने वाले कांवड़ मेले को लेकर प्रशासनिक तैयारियां पूरे जोर-शोर से शुरू हो चुकी हैं। करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था, सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करने के लिए हरिद्वार पुलिस ने अपनी कमर कस ली है। इसी क्रम में गुरुवार को कोतवाली मंगलौर क्षेत्र के एक गेस्ट हाउस में बॉर्डर समन्वय बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिलों के आला पुलिस अधिकारियों ने सहभागिता की।
पुलिस कप्तान प्रमेन्द्र सिंह डोबाल के दिशा-निर्देशन में हुई इस अहम बैठक का उद्देश्य केवल ट्रैफिक और भीड़ प्रबंधन की रणनीति तय करना ही नहीं, बल्कि दोनों राज्यों के बीच सीमाहीन समन्वय और त्वरित संचार तंत्र विकसित करना भी रहा, जिससे किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके और मेले की गरिमा अक्षुण्ण बनी रहे।
बैठक में मौजूद रहे ये अधिकारी….
उत्तराखंड से: सीओ मंगलौर विवेक कुमार, सीओ रुड़की नरेंद्र पंत, प्रभारी निरीक्षक मंगलौर शांति कुमार, एसएचओ झबरेड़ा, एसएचओ खानपुर रविंद्र शाह, एसएचओ भगवानपुर, ट्रैफिक इंस्पेक्टर रुड़की, नारसन चौकी प्रभारी हेमदत्त भारद्वाज और अन्य सीमा चौकी प्रभारी उपस्थित रहे।उत्तर प्रदेश से: सहारनपुर के एएसपी, सीओ देवबंद, सीओ मुजफ्फरनगर, इंस्पेक्टर देवबंद, एसओ पुरकाजी, एसएचओ गागलहेड़ी समेत कई अन्य पुलिस अधिकारी।
बैठक में इन प्रमुख बिंदुओं पर बनी सहमति…..
1:- ट्रैफिक डायवर्जन और समय निर्धारण: भारी वाहनों की आवाजाही के लिए निर्धारित समय तय कर, कांवड़ मार्गों पर सुगम यातायात सुनिश्चित करने की योजना।
2:- अंतरजनपदीय समन्वय: मुरादाबाद, अमरोहा, रुद्रपुर जैसे जनपदों से अलग-अलग बैठकों के माध्यम से समन्वय स्थापित करने का निर्णय।3:- बॉर्डर चेकिंग को हाईटेक बनाने का प्रस्ताव: अत्याधुनिक उपकरणों से लैस चेकिंग व्यवस्था से संदिग्ध गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने की रूपरेखा।
4:- श्रद्धालुओं की सुविधाएं: पेयजल, चिकित्सा, शौचालय, विश्राम स्थल जैसी मूलभूत सुविधाओं को दुरुस्त करने के लिए रोडमैप साझा।5:- आपात संचार व्यवस्था: वायरलेस नेटवर्क को और अधिक मज़बूत करने की दिशा में रणनीति तय, ताकि आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई हो सके।
6:- इंटेलिजेंस साझा तंत्र: गोपनीय सूचना तंत्र को विकसित कर दो राज्यों के बीच सुरक्षित एवं त्वरित खुफिया जानकारी का आदान-प्रदान सुनिश्चित करने पर बल।