हरिद्वार

पिरान कलियर में इंतजाम ही नहीं, अकीदत भी तार-तार, महिला प्रबंधक ने गद्दी लगाकर सजाई कव्वाली की महफ़िल, (देखें वीडियो)..

अकीदतमंदों में नाराज़गी, पहले भी विवादों में रही प्रबंधक, अब लगा बेअदबी का आरोप, उठ रहे सवाल..

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पंच👊नामा
पिरान कलियर: “हजारों ख्वाहिशें ऐसी कि हर ख्वाहिश पे दम निकले, बहुत निकले मेरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले… मिर्ज़ा ग़ालिब के इस शेर को दरगाह की मौजूदा महिला प्रबंधक रजिया चरितार्थ कर रही है। दरअसल रजिया खान पेशे से एक सरकारी टीचर है जिन्हें जिला प्रशासन की ओर से विश्व प्रसिद्ध दरगाह साबिर पाक व अन्य पिरान कलियर स्थित वक्फ दरगाहों का प्रबंधक का जिम्मा दिया गया है। पिछले करीब दो साल से पाड़ली गुज्जर निवासी रजिया खान दरगाह कार्यालय में बतौर प्रबंधक के रूप में तैनात है। पहली बार किसी महिला को दरगाह प्रबंधक के रूप में तैनात किया गया था, जिसका उस समय भी हल्का विरोध हुआ था। बहरहाल प्रबंधक महोदया ने इस बार साबिर पाक का सालाना उर्स/मेला संपन्न होने के बाद कुछ ऐसा किया जिससे सूफियाना निज़ाम में भूचाल मच गया, वीडियो वायरल होने के बाद प्रतिक्रियाएं आना शुरू हुई, जिसने कई सवाल खड़े कर दिए।दरअसल सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो वायरल हो रही है, जिनमें मौजूदा दरगाह प्रबंधक रजिया खान, दरगाह परिसर में बनी सिदिरी के अंदर एक कव्वाली की महफ़िल की सदारत करती दिखाई पड़ रही है। बाकायदा प्रबंधक रजिया के लिए एक गद्दी (मसनद) लगाई गई है जिसपर बैठकर वह किसी सूफी की तरह कव्वालों के लिए नजर लेती भी दिखाई दे रही है। वीडियो में प्रबंधक महोदया के ऊपर उनके कर्मचारी पैसे उड़ाते हुए खूब फख्र महसूस कर रहे है।इतना ही नही प्रबंधक महोदया से कर्मचारियों/तथाकथित खादिमो और कुछ बाहरी लोगों की दस्तार भी कराई जा रही है। इसके बाद या पहले प्रबंधक रजिया खान कर्मचारियों संग कव्वालियों की सदाओ में दरगाह साबिर पाक में हाजिरी लगाने भी पहुँची। एक फोटो के अंदर प्रबंधक रजिया खान दरगाह की गुलाम गर्दिश (अंदर का हिस्सा) में मुसल्ले पर खड़ी होकर दुआं मांगती भी दिखाई पड़ रही है, जबकि उनके ईर्दगिर्द कर्मचारी फर्श पर खड़े है। ऐसा लगता है कि मानो प्रबंधक महोदया के लिए दरगाह के अंदर खड़ा होने के लिए मुसल्ला (पाकीजा चटाई) बिछाई गई हो, जबकि दरगाह के अंदर उसी फर्श को अकीदतमंद चूमते नही थकते। पूरा मैनेजमेंट बाकायदा इस तरह अरेंज किया गया जैसे कोई सूफी किसी सूफियाना रस्म की अदायगी करता है। इन वीडियो को लेकर क्षेत्र में तमाम तरह की चर्चाएं व्याप्त है। दरगाह के गद्दीनशीन परिवार की ओर से इन वायरल वीडियो पर सख्त प्रतिक्रिया देते हुए इसे खानकाही निज़ाम की बेअदबी करना और नाजायज करार दिया है। इसके अलावा “अंजुमन गुलामाने मुस्तफा सोसायटी की ओर से भी कड़ी मजम्मत की गई है। बहरहाल जानकारो की माने तो मजहब के ताल्लुक से भी किसी महिला को मसनद’नशी नही होना चाहिए। सूफिया निजाम में किसी महिला को महफ़िल की सदारत करना बिल्कुल नाजायज करार दिया है, लेकिन वायरल वीडियो में तो महिला प्रबंधक महोदया मसनद’नशी होकर दस्तारबंदी तक और कव्वालों के लिए नजराना लेने तक से भी गुरेज नही कर रही है। बिडम्बना देखिए जो कर्मचारी या अन्य जानकार इस महफ़िल में नजर आरहे है वो भी इसपर चुप्पी साधकर महफ़िल की शान बने बैठे है।
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क्या कहते है गद्दीनशीन परिवार……दरगाह कार्यालय में जिस तरह महफ़िल के अंदर दरगाह प्रबंधक रजिया मसनद पर बैठी हैं और नज़र ले रही हैं, वो किसी भी सूरत में काबिले बर्दाश्त है। किसी माहिला को मसनद पर बैठना नाजायज़ और हराम है, शरीअत के विरुद्ध है। दरगाह प्रबंधक रजिया खान इस तरह की गतिविधियों को अंजाम देकर ख़ानकाही निजाम को पामाल करने की कोशिश कर रही है। मसनद पर बैठने का किसी भी महिला का कोई औचत्तीय नहीं बनता, वह दरगाह प्रबंधक हैं, शासन ने उनको जो ज़िम्मेदारी दी है वह उसे निभायें, दरगाह शरीफ़ में ख़ानकाही निज़ाम को धूमिल करने प्रयास ना करे। दरगाह प्रबंधक रज़िया का जिस तरह का वीडियो वायरल हो रहा है में उसकी सख़्त मज़म्मत करता हूं। क्योंकि किसी महिला का इस तरह बेपर्दा किसी चादर या उर्स/महफ़िल की सदारत करना, महफ़िल में मसनद पर बैठ कर नज़र लेना सख़्त नाजायज़ और हराम है। वहां मौजूद सभी लोगों को तौबा करना चाहिए।
“शाह यावर एजाज साबरी” साहिबजादा गद्दीनशीन परिवार
—————————————दरगाह प्रबंधक ने जो किया वो काबिले ऐतराज है। दरगाह और खानकाह का एक निजाम है, जो बाकायदा चलता है इस तरह की नाज़ेबा हरकत ने कही ना कही उस निजाम को चैलेंज किया है, जो तमाम अहले तसव्वुफ़ और कामिल बुजुर्गो ने कायम किया। मैं आलिम नही इसलिए शरई तौर पर तो कुछ नही कह सकता लेकिन इतना जरूर है कि अगर ये गैर शरई काम है तो इसकी मजम्मत जरूरी है जिससे मुस्तकबिल मैं ऐसा दोबारा ना हो।
“हाजी शादाब साबरी” सेकेट्री अंजुमन सोसायटी

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