पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: अपराध करने वाला कितना भी शातिर क्यों न हो, कानून की नजरों से बच नहीं सकता। फिर पुलिस अपनी पर आ जाए तो धरती-पाताल और आकाश से भी मुल्जिम को ढूंढ सकती है।

चंडी देवी मंदिर के जंगल में महिला के ब्लाइंड मर्डर केस की गुत्थी को सुलझाते हुए पुलिस ने एक बार फिर इन दोनों कहावतों को साबित किया है। प्यार में बेवफाई मिलने पर पूजा उर्फ अफसाना के प्रेमी अजय ने ही उसे मौत के घाट उतारा था।पुलिस कप्तान प्रमेंद्र डोबाल के निर्देशन में पुलिस ने रात दिन एक करते हुए एक सप्ताह के भीतर न सिर्फ हत्याकांड का पर्दाफाश किया, बल्कि हजारों फैक्ट्री कर्मचारियों की भीड़ में छिपे कातिल को गिरेबान पकड़कर खींच निकाला।
सीओ सिटी जूही मनराल के नेतृत्व में श्यामपुर थानाध्यक्ष नितेश शर्मा की टीम ने अबूझ पहेली नजर आ रहे केस की परतों को पूरी तरह खोलकर रख दिया। हत्या के पीछे बॉलीवुड फिल्म जैसी कहानी निकलकर सामने आई। पुलिस कप्तान प्रमेंद्र डोबाल ने प्रेस कान्फ्रेंस कर हत्याकांड से पर्दा उठाया।
—————————————-

बीते गुरूवार को चंडीदेवी रोपवे मार्ग से कुछ दूरी पहले पैदल मार्ग से सटे जंगल में एक महिला का शव बरामद हुआ था।

शुरूआती पड़ताल में यह माना गया कि गला दबाकर महिला की हत्या की गई है। महिला निम्न वर्ग की प्रतीत हो रही थी। 72 घंटे के भीतर शिनाख्त न होने पर सोमवार को पुलिस ने शव का अंतिम संस्कार कराया।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला दबाकर हत्या की बात सामने आने पर चौकी प्रभारी अशोक रावत की तरफ से अज्ञात आरोपी के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया।

इस केस में पुलिस के सामने दो-दो चुनौतियां थी। पहली चुनौती शव की शिनाख्त कराना और दूसरी महिला के कातिल को ढूंढना।एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल के निर्देश पर पुलिस टीमों ने ब्लाइंड मर्डर केस की गुत्थी सुलझाने के लिए पूरी ताकत झौंक दी। श्यामपुर थानाध्यक्ष नितेश शर्मा के नेतृत्व में पुलिस टीमों ने महिला के चेहरे पर पीले रंग की मांग व तिलक के आधार पर उसे बिहार या पूर्वी उत्तर प्रदेश की महिला मानते हुए ऐसे इलाकों में तलाश कराई, जहां इन क्षेत्रों के लोग बहुतायत में रहते हैं।

खासतौर पर औद्योगिक क्षेत्र सिडकुल के आस पास, कनखल में बैरागी कैंप, हरिद्वार का रोड़ी बेलवाला, ज्वालापुर, सराय, बस स्टेंड रेलवे स्टेशन आदि क्षेत्रों में पुलिस टीमों ने खाक छानी। करीब दो हजार लोगों से पूछताछ और 500 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली गई।
—————————————-
“सीसीटीवी कैमरों ने दिखाई राह…….

पुलिस ने घटनास्थल के पांच किलोमीटर के रेडियस में स्थित सभी सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली तो एक महिला एक पुरुष के साथ एक नीले रंग के ऑटो / विक्रम से उतरती दिखी। हरकी पैड़ी, सुभाष घाट, अपर रोड, मनसा देवी मंदिर, बस अड्डे तक कैमरे खंगालने के बाद पुलिस ने आखिरकार आटो विक्रम ड्राइवर को ढूंढ निकाला।

उससे पूछताछ के आधार पर पुलिस सिडकुल की परमानंद विहार कॉलोनी पहुंची। यहां हजारों की संख्या में किरायेदारों के बीच से आरोपी व महिला को ढूंढना भी चुनौती थी। मगर पुलिस लक्ष्य हासिल करने में जुटी रही। अभियान चलाकर लगभग दो से ढाई हजार लोगो, मजदूरों को दोनों की फोटो दिखाकर जानकारी ली गई। तब आरोपी की पहचान अजय पुत्र राजवीर निवासी सुंदरपुर बदायूं उत्तर प्रदेश के रूप में हुई । टीम ने रोशनाबाद क्षेत्र से उसे धर दबोचा।
—————————————-
“बेवफाई बनी हत्या की वजह…..

आरोपी ने पूछताछ में जो कहानी सुनाई, उससे सुनकर हर कोई हैरान रह गया। आरोपी अजय ने बताया कि सात साल पहले वह अपने गांव से नौकरी की तलाश में हरिद्वार आ गया था। रोशनाबाद स्टेडियम के सामने समोसे चाउमीन की ठेली लगाने के दौरान उसकी मुलाकात एकम्स कंपनी में काम करने वाली अफसाना बानो पुत्री जुबैर अली निवासी गडरिया, हरिया खेड़ी बागपत उत्तर प्रदेश से हुई।

दोस्ती के बाद प्यार होने पर अजय उसे अपने गांव सुंदरपुर, बदायूं ले गया। जहां पर दोनों ने शादी कर ली और अफसाना बानो ने अपना नाम बदलकर पूजा रख लिया। अफसाना बानो उर्फ पूजा ने शादी के बाद अपना कोई रिश्तेदार झारखंड में बता कर किसी काम का बहाना बना कर वहा चली गई।

कुछ दिन बाद दोनों का संपर्क टूटने के कारण अजय वापस हरिद्वार आ गया और मजदूरी करने लगा। हेतमपुर में किराए पर रहने के दौरान अजय के साथियों ने उसे अफसाना उर्फ पूजा के बारे में बताया कि वह यही हरिद्वार में किसी लड़के के साथ रह रही है और लेबर चौक पर आती रहती है।

अजय को अफसाना की यह बेवफाई बुरी लगी और उसने तलाश कर उसे ढूंढ निकाला। दोनों परमानंद विहार में कमरा लेकर रहने लगा। लेकिन दो दिन साथ रहने के बाद अफसाना फिर से अजय को छोड़कर कहीं अलग रहने लगी। जिसके बाद अजय ने अफसाना को अपने रास्ते से हटाने का सोचने लगा।
—————————————-
“ऐसे उतारा मौत के घाट…….
एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल ने बताया कि अजय हरिद्वार में घुमाने के लिए मनाकर आठ नवंबर की सुबह 8:00 बजे अफसाना उर्फ पूजा को पहले मनसा देवी मंदिर ले गया। अजय ने एक चाकू पहले से ही अपने पास रखा हुआ था।

मनसा माता रास्ते पर कोई सुनसान जगह न दिखने पर अजय पूजा को नहीं मार सका उसके बाद वह हर की पैड़ी से होते हुए चंडी देवी मंदिर पर लेकर आ गया। पैदल जाने वाले रास्ते से करीब डेढ़ सौ मीटर ऊपर बाएं तरफ थक जाने का बहाना बनाकर पूजा को बाई तरफ जंगल में बैठने के लिए ले गया।

जहां पर दोनों ने कुछ देर बैठने के बाद अजय भावुक होकर मरने जीने की बात करने लगा और चाकू निकाल कर अपने हाथ पर तीन-चार बार वार करके अपने हाथ को काटने लगा। जिससे उसके खून निकलने लगा और उसके बाद अजय ने गुस्से में पहले चाकू से वार करने का प्रयास किया तो पूजा ने उसका विरोध किया और चाकू छिटककर साइड में गिर गया। जिसके बाद अजय ने पूजा के गले में उसकी चुन्नी से उसका गला घोंटकर हत्या कर दी।

वहा से निकल गया और अपने आप को बचते बचते हुए पैदल-पैदल बस अड्डे जाकर ऑटो से अपने रोशनाबाद वाले कमरे में पहुंचा और अपना मोबाइल बंद कर अपने गांव बंदायू चले गया। दीपावली के बाद बुधवार को वापस अपने गांव से रोशनाबाद आ गया। मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने उसे धर दबोचा। प्रेस कॉन्फ्रेंस में एसपी क्राइम अजय गणपति, एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार सिंह, श्यामपुर थानाध्यक्ष नितेश शर्मा सहित पूरी पुलिस टीम मौजूद रही।
—————————————-
“गुत्थी सुलझाने वाली पुलिस टीम…….

सीओ सिटी जूही मनराल, श्यामपुर थानाध्यक्ष नितेश शर्मा, उपनिरीक्षक शशि भूषण जोशी, उपनिरीक्षक बलवंत पंवार, चंडी चौकी प्रभारी अशोक रावत, लालढांग चौकी प्रभारी विनय मोहन द्विवेदी, कांस्टेबल रमेश कुमार, अनिल रावत, तेजेंद्र, कनखल थाने में तैनात कांस्टेबल बलवंत, ज्वालापुर में तैनात कांस्टेबल प्रेम, शहर कोतवाली में तैनात कांस्टेबल निर्मल, सिडकुल थाने में तैनात कांस्टेबल गजेंद्र व सुनीत तोमर, एसओजी सिपाही वसीम शामिल रहे।—————————————-
“पुलिस टीम पर इनामों की बौछार……
ब्लाइंड मर्डर केस का खुलासा करने पर पुलिस टीम पर इनामों की बरसात हुई है। आईजी गढ़वाल करन सिंह नागन्याल ने 10 हजार का इनाम देते हुए पुलिस टीम का उत्साहवर्धन किया है। जबकि पुलिस कप्तान प्रमेन्द्र डोबाल ने भी पांच हजार का इनाम देते हुए पीठ थपथपाई है।