एसएमजेएन कॉलेज में बोलीं बेटियां, हमें भी दी जाए बॉर्डर पर जाने की इजाज़त, श्रीमहंत रविंद्र पुरी को सौंपा पीएम मोदी के नाम ज्ञापन..
भारत-पाक तनाव के बीच धर्मनगरी की बेटियों ने भरी देशरक्षा की हुंकार, श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने गृह मंत्री से की हर कॉलेज में सैन्य प्रशिक्षण अनिवार्य करने की मांग, (देखें वीडियो)..
पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: भारत-पाक तनाव के बीच शनिवार को एसएमजेएन पीजी कॉलेज में आयोजित युद्ध विषयक संगोष्ठी में देशभक्ति की ऐसी लहर उठी कि छात्र-छात्राओं ने खुले मंच से प्रधानमंत्री से अपील कर डाली कि “हमें भी बॉर्डर पर पाकिस्तान से लड़ने का मौका दिया जाए। ”संगोष्ठी में एक स्वर में यह मांग उठी कि हर युवा को कॉलेज स्तर से ही सैन्य प्रशिक्षण अनिवार्य रूप से दिया जाए ताकि देश की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत हो सके। इतना ही नहीं, उन्होंने कॉलेज प्रबंधन समिति और अखिल भारतीय खड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी महाराज को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम ज्ञापन भी सौंपा। वहीं, श्रीमहंत रविन्द्र पुरी महाराज ने देश के गृहमंत्री अमित शाह से पूरे भारत के कॉलेज में युवाओं के लिए सैन्य प्रशिक्षण अनिवार्य करने की मांग की।
ताकि हर छात्र सैन्य अनुशासन और तकनीक से परिचित होकर आतंकवाद और सीमा पार से हो रही साजिशों का मुंहतोड़ जवाब दे सके। उन्होंने कॉलेज के छात्र-छात्राओं को यह भरोसा भी दिलाया कि जल्द ही महाविद्यालय में फिर से एनसीसी की इकाई शुरू की जाएगी।
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भाव विभोर हुए श्रीमहंत रविंद्र पुरी….मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित श्रीमहंत रवींद्र पुरी महाराज संगोष्ठी के दौरान छात्रों में देशभक्ति का जज्बा देखकर भाव विभोर हो गए। उन्होंने छात्राओं को साधुवाद और आशीर्वाद देते हुए कहा कि यह देश के लिए सोचने और समर्पण से काम करने का वक्त है। हमारा कॉलेज परिवार सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। कॉलेज के प्राचार्य प्रो. सुनील कुमार बत्रा ने अपने संबोधन में हाल की पहलगाम घटना को पाकिस्तान की कायराना हरकत बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने देश की भावना के अनुसार जवाब दिया है।
“हमारी बेटियाँ अब हथियार उठाने को तैयार हैं और देश के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार हैं,” उन्होंने जोर देकर कहा। डॉ. संजय कुमार माहेश्वरी, छात्र कल्याण अधिष्ठाता, ने कहा कि जब तक देश सुरक्षित नहीं, तब तक कोई भी नागरिक सुरक्षित नहीं हो सकता। युवाओं को चाहिए कि वे आगे बढ़कर सेना में शामिल हों। कार्यक्रम में छात्राओं का जोश देखते ही बन रहा था।
बीएससी की छात्रा अपराजिता ने कहा, “भारत में आतंकी गतिविधियों को जड़ से खत्म करने के लिए NCC एक प्रभावशाली हथियार बन सकता है।” अर्शिका ने दो टूक कहा, “देश की बेटियाँ अब केवल घरों तक सीमित नहीं, हम बॉर्डर पर जाने को तैयार हैं।” रिया कश्यप ने कहा, “जब हमारे जवान जवाब देते हैं, तो पाकिस्तान को समझ आ जाता है कि भारत क्या है।” कशिश ठाकुर बोलीं, “वीरता से ही विजय मिलती है और भारत वीरों की जननी रहा है।
”कार्यक्रम के अंत में छात्र-छात्राओं ने प्रधानमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें खुद को बॉर्डर पर तैनात किए जाने की मांग की गई। ज्ञापन देने वालों में दिव्यांशु, अली, मानसी, इशिका, अंशिका, टिया, ओमिशा, आंचल, चारू, संध्या, शगुन, अनुराधा, शिवानी, नेहा, आकांक्षा, वैष्णवी धीमान, कामिनी, गौरव बंसल, महक और रिया सहित अनेक नाम शामिल रहे। संगोष्ठी में प्रो. जगदीश चन्द्र आर्य, विनय थपलियाल, डॉ. मनोज कुमार सोही, डॉ. शिव कुमार चौहान, वैभव बत्रा, डॉ. अमिता मल्होत्रा और कार्यालय अधीक्षक मोहन चन्द्र पाण्डेय भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के समापन पर एक ही आवाज गूंजी—“देश पुकार रहा है और हम तैयार हैं।”