हरिद्वार

उमस भरी गर्मी में सड़क पर डटे जवानों के बीच पहुंचे पुलिस कप्तान, बांटे पानी-बिस्किट और बढ़ाया हौसला..

एसएसपी डोबाल बोले, "यही जवान पुलिस विभाग की रीढ़ इनकी मेहनत सबसे बड़ी पूंजी, (देखें वीडियो)..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: चारधाम यात्रा और स्कूलों की छुट्टियों के चलते हरिद्वार इन दिनों श्रद्धालुओं और सैलानियों से गुलजार है। एक ओर जहां यात्रियों की भीड़ दिन-ब-दिन बढ़ रही है, वहीं दूसरी ओर चिलचिलाती धूप और उमस भरी गर्मी में पुलिस जवान दिन-रात सड़क पर यातायात व्यवस्था बनाए रखने में जुटे हुए हैं। पिछले तीन दिनो से वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र डोबाल और एसपी सिटी पंकज गैरोला व्यवस्था की कमान संभाले हुए है।ऐसे में सोमवार को एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने नगर क्षेत्र का दौरा कर खुद यातायात और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। उन्होंने रानीपुर मोड़, शंकराचार्य चौक सहित कई प्रमुख चौराहों पर तैनात पुलिसकर्मियों, ट्रैफिक पुलिस और पैरामिलिट्री बल के जवानों से संवाद किया।पसीने से तरबतर वर्दियों के पीछे की मेहनत को सराहा……
एसएसपी डोबाल ने मौके पर मौजूद जवानों को ठंडे पानी की बोतलें, शीतल पेय, बिस्किट, केले और ग्लूकोज के पैकेट भेंट किए और कहा कि यही जवान विभाग की रीढ़ की हड्डी हैं, जो सड़क पर तपती धूप में डटे रहकर व्यवस्था को संभाले हुए हैं।एसएसपी ने कहा जवानों से कहा कि विभाग उनकी मेहनत को पहचानता है और उन्हें पूरा सम्मान व सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है। “आप सभी जिस लगन से यात्रियों की सुविधा व सुरक्षा सुनिश्चित कर रहे हैं, वह सराहनीय है।यात्रा सीजन में दोहरी चुनौती….
इन दिनों हरिद्वार में चारधाम यात्रियों की भीड़ और बच्चों की छुट्टियों के चलते बाहरी राज्यों से आने वाले सैलानियों का दबाव लगातार बना हुआ है। ऐसे में पुलिस के जवान राष्ट्रीय राजमार्ग, लिंक मार्गों और प्रमुख धार्मिक स्थलों पर लगातार तैनात हैं।भीषण गर्मी और सीमित संसाधनों के बीच भी जवान यातायात व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। एसएसपी डोबाल का यह संवेदनशील और प्रोत्साहन भरा दौरा न केवल जवानों के लिए मनोबल बढ़ाने वाला रहा, बल्कि प्रशासन की जमीनी निगरानी को भी दर्शाता है।इस दौरान सीओ सिटी शिशुपाल सिंह नेगी, शहर कोतवाल रितेश शाह, इंस्पेक्टर कनखल चंद्र मोहन सिंह, सीपीयू प्रभारी निरीक्षक हितेश कुमार आदि मौजूद रहे।स्पष्ट है कि हरिद्वार पुलिस अपने सीमित संसाधनों के बावजूद व्यवस्था बनाए रखने के लिए दिन-रात जुटी हुई है, और उसका नेतृत्व जब इसी जमीनी स्तर पर खड़ा दिखाई दे, तो व्यवस्था और मनोबल दोनों को नई ऊर्जा मिलती है।

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