एम्स ऋषिकेश से 10 कैदियों की दवाई लेकर 23 मिनट में हरिद्वार जेल पहुंचा ड्रोन..
तकनीक के नए युग की शुरुआत, जरूरत पड़ने पर कैदियों को मिलेगी हवाई एंबुलेंस की सुविधा, जेल में ड्रोन देख उत्साहित हुए कैदी..
पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: जेल में कैदियों के इलाज के लिए तकनीक का ऐतिहासिक प्रयोग करते हुए हरिद्वार जिला कारागार में पहली बार ड्रोन से दवाइयों की डिलीवरी की गई।

एम्स ऋषिकेश से हेपेटाइटिस सी से पीड़ित 10 कैदियों के लिए जरूरी दवाइयां महज 23 मिनट में जेल तक पहुंचाई गईं। हाई-टेक ड्रोन का यह प्रयोग मेडिकल सेवाओं को तेज, सुरक्षित और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
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टेलीमेडिसिन और ड्रोन डिलीवरी: स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांति…..

जेल अधीक्षक मनोज कुमार आर्य ने बताया कि दो महीने पहले शुरू की गई टेलीमेडिसिन सुविधा के तहत कैदियों को विशेषज्ञ डॉक्टरों से वर्चुअल परामर्श की सुविधा मिल रही है। अब मेडिकल सेवाओं में तेजी लाने के लिए ड्रोन का उपयोग शुरू किया गया है। ड्रोन तकनीक ट्रैफिक जाम या अन्य बाधाओं से बचाते हुए दवाइयां सीधे जेल तक पहुंचाती है। भविष्य में इसी तकनीक का उपयोग अन्य गंभीर बीमारियों के उपचार के लिए भी किया जाएगा।
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कैदियों के लिए हवाई एंबुलेंस का वादा……आपातकालीन स्थिति में कैदियों के लिए हेली एंबुलेंस सेवा भी उपलब्ध कराई जाएगी। यह पहल जेलों में स्वास्थ्य सेवाओं को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी और दूरदराज के क्षेत्रों में मेडिकल सहायता तेजी से पहुंचाई जा सकेगी।
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जेल में ड्रोन का स्वागत….जब ड्रोन हरिद्वार जेल पहुंचा तो कैदी उत्साहित हो उठे। इस कदम ने न केवल कैदियों के जीवन को सुरक्षित बनाने की दिशा में उम्मीद जगाई, बल्कि तकनीक के भविष्य को लेकर भी एक नया रास्ता खोल दिया।
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तकनीक से समय की बचत और जीवन की सुरक्षा…यह अभिनव पहल हरिद्वार जेल प्रशासन और एम्स ऋषिकेश के बीच बेहतर समन्वय का प्रतीक है। ड्रोन डिलीवरी और हेली एंबुलेंस जैसी सेवाएं जेलों में स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक प्रभावशाली, तेज और भरोसेमंद बनाएंगी। समय की बचत और अधिक सुरक्षित चिकित्सा प्रबंधन के इस युग में यह कदम एक प्रेरणादायक उदाहरण है।